Monday, December 1, 2025
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रायगढ़ के बाद पड़ोसी जिलों में भी पैर पसारने लगा जेएसडब्ल्यू, केएसके के लिए लगाई सर्वाधिक बोली

रायगढ़ के बाद पड़ोसी जिलों में भी पैर पसारने लगा जेएसडब्ल्यू, केएसके के लिए लगाई सर्वाधिक बोली

जनकर्म न्यूज

रायगढ़। उद्योग नगरी के अलावा पडोसी जिलों में भी अब जेएसडब्ल्यू कंपनी पैर पसारने लगी है। जांजगीर जिले के केएसके महानदी पावर कंपनी के लिए जेएसडब्ल्यू ने सभी बिडर्स में सर्वाधिक बोली लगाकर इसे खरीदने का रास्ता साफ कर लिया है। एनसीएलटी की औपचारिकता पूरी होने के बाद जल्द ही केएसके के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी।

बिजली कंपनी केएसके महानदी पावर के लिए छह कंपनियां होड़ में थी। इनमें गौतम अडानी की अडानी पावर, सज्जन जिंदल की जेएसडब्ल्यू एनर्जी, नवीन जिंदल की जिंदल पावर, अनिल अग्रवाल की वेदांता, सरकारी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड और वित्तीय सेवा फर्म कैप्री ग्लोबल रेस में थीं। लेकिन जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने सबको पछाड़ते हुए केएसके महानदी पावर के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है। उसने वित्तीय लेनदारों को 15,985 करोड़ रुपये की पेशकश की। बीते शनिवार को समाप्त हुई नीलामी में जेएसडब्ल्यू एनर्जी सबसे बड़ी बिडर बनकर उभरी। केएसके महानदी पावर की छत्तीसगढ़ में 600 मेगावाट की तीन कोल बेस्ड यूनिट हैं। दो दिन तक चली बोली प्रक्रिया में छह कंपनियों ने भाग लिया। सूत्रों के मुताबिक अडानी पावर ने 10वें दौर में 15,885 करोड़ रुपये की अंतिम पेशकश करने के बाद दौड़ से बाहर होने का विकल्प चुना। 11वें दौर में एकमात्र बोलीदाता जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने अडानी की
बोली से 100 करोड़ रुपये अधिक की बोली लगाई। जेएसडब्ल्यू और अडानी ने ऋणदाताओं को 26 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी और परिचालन लेनदारों को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की।

साल 2019 में एनसीएलटी ने किया अधिग्रहण

केएसके महानदी पर बैंकों का हजारों करोड़ रुपए कर्ज है। कंपनी नरियरा में बिजली उत्पादन करती है। विभिन्न बैंकों से लिए गए लोन की अदायगी समय पर नहीं होने पर एनसीएलटी ने नवंबर 2019 को प्लांट का अधिग्रहण किया था। 5 वर्षों से वह प्लांट का संचालन कर रही है। कंपनी पर कोयला के साथ-साथ अन्य सामानों की सप्लाई का बकाया होने से उसे बेचने के लिए 11 अप्रैल को टेंडर कराया गया था। उसे खरीदने के लिए एनटीपीसी,

छह साल में ही कर्ज में डूबा केएसके प्लांट

केएसके महानदी पावर कंपनी ने नरियरा, रोगदा, तरौद, अमोरा एवं अन्य गांव के किसानों से प्लांट की स्थापना के लिए लगभग 2500 एकड़ भूमि खरीदी। साथ-साथ राज्य शासन ने भी उसे सरकारी जमीन दी। कंपनी ने केंद्र सरकार और राज्य शासन से 3600 मेगावॉट पावर प्लांट की स्थापना के लिए अनुबंध करने के बाद 2008 में भूमि अधिग्रहण शुरू किया गया। मई 2013 में 600 मेगावॉट क्षमता की पहली चिमनी से उत्पादन शुरू हुआ। अगस्त 2014 में दूसरी और दिसंबर 2017 में 600 मेगावाट की तीसरी चिमनी से उत्पादन शुरू हुआ। कंपनी 2013 से प्लांट का संचालना कर रही थी, लेकिन आवश्यक वस्तुओं की राशि का भुगतान करने में फेल साबित हुई। विभिन्न बैंकों से लिए कर्ज और ब्याज का भुगतान नहीं करने से नवंबर 2019 से एनसीएलटी ने प्लांट का संचालन शुरू कर दिया।

जेएसडब्ल्यू के खरीदने से सुधरेगी केएसके

प्लांट में 3600 मेगावॉट की जगह 1800 मेगावॉट की बिजली उत्पादन हो रहा था। इसमें 1000 मेगावॉट बिजली उत्तर प्रदेश, 500 मेगावॉट बिजली तेलंगाना और 300 मेगावॉट बिजली को छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों में दी जा रही है। अब जेएसडब्ल्यू एनर्जी के प्लांट का अधिग्रहण करने से प्लांट में बिजली उत्पादन क्षमता का विस्तार होने की संभावना जताई जा रही है। इससे क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। कोल इंडिया लिमिटेड, अडानी पावर लिमिटेड, जिंदल एनर्जी, जिंदल पावर लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड कैपरी ग्लोबल होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, जीएसडब्ल्यू एनर्जी सहित 23 कंपनियों ने बीड में हिस्सा लिया। एनसीएलटी को 18 जून को बीड को ओपन करना था, लेकिन इस तारीख को आगे बढ़ा दी गई थी। जिसे पिछले हफ्ते शनिवार को एनसीएलटी ने बीड को ओपन किया तो उसमें जेएसडब्ल्यू एनर्जी ने सर्वाधिक बोली लगाई।

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