Monday, December 1, 2025
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निगम का बंद पड़ा एसएलआरएम सेंटर बना मेडिकल वेस्ट सेंटर

निगम का बंद पड़ा एसएलआरएम सेंटर बना मेडिकल वेस्ट सेंटर, नेता व अफसर बने अनजान


रामपुर क्षेत्र में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका, लोगों में दहशत


जनकर्म न्यूज
रायगढ़। रामपुर स्थित निगम का बंद पड़ा एसएलआरएम सेंटर कई माह से मेडिकल वेस्ट सेंटर बना हुआ है। खास बात यह है कि इसकी जानकारी न तो शहर सरकार व एमआईसी के प्रभारी को है और न ही निगम के अधिकारी व कर्मचारी इस बात से वाकिफ हैं। जिससे इस क्षेत्र में संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है। वहीं लोग दहशत में हैं और निगम प्रशासन को कोस रहे हैं।

दरअसल रामपुर कचरा डंपिंग यार्ड के पास निगम का एसएलआरएम सेंटर स्थित है। बीते कई माह से इस सेंटर को बंद कर दिया गया है। यहां किसी प्रकार की एक्टिविटी नहीं हो रही है। स्वच्छता दीदीयों के नहीं रहने से यह स्थान किसी खंडहर की तरह बन गया है। वहीं इसकी देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है। एसएलआरएम सेंटर का गेट भी गायब है, जिसका फायदा मेडिकल वेस्ट उठाने वाली एजेंसी उठा रही है। दरअसल बीते कई माह से इस सेंटर में मेडिकल वेस्ट को डंप किया जा रहा है। भले ही रामपुर में कचरा डंप करना बंद कर दिया गया हो, लेकिन इस सेंटर के भीतर और बाहर ग्लूकोज बॉटल, यूज किए गए इंजेक्शन, ऑपरेशन थियेटर के अपशिष्ट, दवाईयां, उनके रैपर व ओटी व ड्रेसिंग के बाद वाले गंदे कॉटन भी फैले हुए हैं। जिससे इस क्षेत्र में संक्रामक बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। चूंकि यह सेंटर बंद हो चुका है तो निगम के अधिकारी व शहर सरकार द्वारा इसकी सुध नहीं ली गई। स्थानीय लोगों की मानें तो कई बार यहां मेडिकल विभाग से जुड़ी गाडिय़ां आती हैं और कचरा डंप कर चली जाती हैं। खास बात यह है कि इस बात की जानकारी अब तक न तो शहर सरकार को है और न ही निगम के स्वास्थ्य विभाग या कमिश्नर को है। जिसका फायदा अस्पतालों से मेडिकल वेस्ट कलेक्ट करने वाली एजेंसी उठा रही है।

वैज्ञानिक तरीके से करना होता है डिस्पोज
दरअसल अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से डिस्पोज करना होता है। इसके लिए एनजीटी ने गाइड लाइन भी जारी की हुई है, लेकिन शहर में एनजीटी के निर्देशों की धज्जियां उड़ रही है। इस ओर न तो पर्यावरण विभाग सक्रिय नजर आ रहा है और न ही जिला प्रशासन के अधिकारी कोई कड़ा एक्सन ले रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज रोड के बाद अब एसएलआर सेंटर को चुना
इससे पहले भी मेडिकल वेस्ट को यत्र-तत्र फेंकने का मामला सामने आया है। कोरोना काल में भी मेडिकल वेस्ट को मेडिकल कॉलेज रोड में खाली जमीन पर फेंका जा रहा था। जब मामला उजागर हुआ तो स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग की काफी किरकिरी हुई। इसके बाद कुछ दिनों तक मामला शांत रहा। वहीं अब रामपुर एसएलआरएम सेंटर को नया स्थान चुना गया है।

तो फिर किस काम के स्वच्छता प्रभारी
वार्ड क्रमांक 32 के कांग्रेस पार्षद रत्थु जायसवाल को जब से एमआईसी में स्वच्छता प्रभारी बनाया गया है, तब से आज तक शायद ही उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाकर जनता के हित में कोई काम किया हुआ हो। जब शहर में डेंगू का आतंक था तब भी ये दुबके रहे, कहीं भी इनकी सक्रियता नजर नहीं आई। सिर्फ निगम के अधिकारियों पर आरोप मढ़ कर ये अपने कर्तव्यों से भागते रहे। वहीं खुद को नाम का स्वच्छता प्रभारी बता कर अपना रोना रोते रहे लेकिन निगम के इस मलाईदार ओहदे से कभी इस्तीफा भी नहीं दिया। वर्तमान में भी ऐसा ही हो रहा है। स्वच्छता प्रभारी होने के बावजूद शहर में कितने एसएलआरएम सेंटर हैं उनको इसकी तक जानकारी नहीं है। उन्हें रामपुर एसएलआरएम सेंटर के बंद होने व यहां मेडिकल वेस्ट डंप होने की जानकारी नहीं है।

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