14 साल भी नहीं चला सेतु निगम का बनाया गोवर्धनपुर पुल, अब साढ़े तीन करोड़ खर्च कर फिर से होगा निर्माण
ओवरलोडिंग और निम्न गुणवत्ता के कारण कम समय में ही हुआ जर्जर
जनकर्म न्यूज
रायगढ़। पचधारी के पास केलो नदी में सेतु निगम द्वारा बनाया गया गोवर्धनपुर पुल 14 साल भी नहीं टिक सका। पुल का स्लैब उखड़ना शुरू हुआ तो मार्शल जियो टेस्ट लैब रायपुर में इसके कांक्रीट का सैंपल भेजा गया। जिसे अमानक घोषित कर दिया गया। भारी वाहनों की ओवरलोडिंग और निर्माण के वक्त निम्न गुणवत्ता भी इसकी वजह बनी है। अब विभाग इसे डिस्मेंटल कर साढ़े 3 करोड़ रूपए की लागत से नया पुल बनाएगा। तब तक यह मार्ग भारी वाहनों के प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जब भी कहीं पुल का निर्माण होता है तो उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाता है। क्योंकि इसमें करोड़ों की लागत लगी होती है और लोगों की सुरक्षा का भी सवाल रहता है। आमतौर पर एक पुल की उम्र 50 साल होती है, लेकिन सेतु निगम द्वारा वर्ष 2010 में गोवर्धनपुर में बनाया गया पुल 14 साल में ही डिस्मेंटल लायक हो गया है। जिससे यहां हुए निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं और भारी भ्रष्टाचार होने के संकेत भी मिल रहे हैं। दरअसल पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग, सेतु निर्माण मंडल रायगढ, मार्शल जियो टेस्ट लैब रायपुर व लोक निर्माण विभाग सेतु परिक्षेत्र रायपुर के विशेषज्ञों की एक टीम ने पुल के कांक्रीट स्लैब का विस्तृत परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कांक्रीट की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है, जिसके चलते पुल के स्लैब को तोड़कर नए स्लैब का निर्माण आवश्यक हो गया है। तकनीकी टीम ने अपनी रिपोर्ट में भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने और पुल का पुनर्निर्माण जल्द शुरू करने की अनुशंसा की है। जिसके बाद कलेक्टर से लेकर एसपी तक हरकत में आए और बुधवार की सुबह से ही उक्त मार्ग में आवागमन नहीं करने की सूचनाएं व चेतावनी वाले मैसेज वायरल होने लगे। वर्तमान में सेतु निगम द्वारा पुल पर ट्रैफिक बंद करने दोनों छोर में बेरिकेटिंग का काम किया जा रहा है। ताकि इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बंद किया जा सके। वहीं पुल के नए सिरे से निर्माण के लिए सेतु निगम द्वारा साढ़े 3 करोड़ का प्रपोजल बनाया गया है, जिसे शासन को भेजा जाएगा। वहीं शासन से अनुमति मिलने के बाद ही काम शुरू किया जाएगा।
भारी वाहनों की रेलमपले से कभी भी ढह सकता था पुल
सितंबर माह में भारी वाहनों की रेलमपेल से इस पुल में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए थे, जिसमें से सरिया निकल कर बाहर आ गए थे। जिससे यहां कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती थी। खास कर रात में इस पुल पर लाइट की सुविधा नहीं होने से राहगीरों की जान पर खतरा मंडरा रहा था। तब कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पीडब्ल्यूडी को पुल की मरम्मत के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सरिया के उपर मलबा डाल कर उसे ढंक दिया गया और कुछ सप्ताह में ही स्थिति जस की तस हो गई। वो तो विशेषज्ञों की टीम ने आकर पुल का परीक्षण किया वरना ऐसे ही भारी वाहन इस पुल पर चलते रहते। जिससे पुल कभी भी ढह सकता था।
शहर में बढ़ा ट्रैफिक का दबाव
भारी वाहनों के लिए गोवर्धनपुर पुल प्रतिबंधित होने के बाद शहर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। सोमवार को उर्दना के पास भारी वाहनों का लंबा जाम लग गया, जिसे हटाने में ट्रैफिक पुलिस के पसीने छूट गए। क्योंकि वाहन चालकों को पता ही नहीं था कि पुल पर आवागमन प्रतिबंधित है। ऐसे में वाहनों को उर्दना से ही वापस रवाना किया गया, जिससे इस मार्ग पर ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। लोग घंटों जाम में फंस कर हलाकान और परेशान नजर आए।
पूरी तरह टूटेगा पुल के उपर का स्लैब
सेतु निगम के अधिकारियों की मानें तो पुल का स्तंभ (कॉलम) तो रहेगा लेकिन उपर के पूरे स्लैब को पूरी तरह तोड़ा जाएगा। इसके बाद उसमें ढलाई करके कांक्रीटीकरण किया जाएगा। इस काम में लंबा समय लग जाएगा। क्योंकि अभी तो सिर्फ प्रपोजल ही बना है। यह प्रपोजल अभी शासन को जाएगा, फिर स्वीकृति मिलेगी, फंड आएगा, वर्क ऑर्डर जारी होगा तब तक भारी वाहन इस पुल से गुजर नहीं पाएंगे।
अब फिर सड़क पर उतरेंगे ग्रामीण
तमनार रोड में भारी वाहनों की रेलमपेल से वैसे ही क्षेत्र के ग्रामीणों ने कई बार आर्थिक नाकेबंदी की है। वहीं अब प्रशासन के इस निर्देश के बाद तमनार के रास्तों में भारी वाहनों की अनुमति मिल गई है। जिससे यहां भारी वाहनों का दबाव बढ़ जाएगा और उनकी रेलमपेल से सड़कें और भी बर्बाद होंगी। ऐसे में यहां के ग्रामीण फिर से आन्दोलन कर सकते हैं।
इन मार्गों का उपयोग करेंगे भारी वाहन के चालक
लैलूंगा, घरघोड़ा की ओर से रायगढ़ आने वाले भारी वाहन पूंजीपथरा से कट कर तमनार पहुंचेंगे। जिन वाहनों को ओडिशा जाना है वो हमीपुर से ओडिशा की ओर निकलेंगे वहीं जिन्हें जामगांव तरफ जाना है वो वापस तमनार से रायगढ़ रोड में आकर बंगुरसिया से तिलगा- भगोरा मार्ग पकड़ कर महापल्ली, फिर जामगांव की ओर निकलेंगे। वहीं तमनार तरफ से आने वाले वाहन भी इन्हीं रास्तों का उपयोग करेंगे। इसके अलावा भूपेदवुपर, जिंदल तरफ से आने वाले वाहन सीएमएचओ तिराहा से उर्दना तो पहुंचेंगे, लेकिन रामपुर के रास्ते को छोड़ कर उर्दना होते हुए लाखा मार्ग से पूंजीपथरा पहुंचेंगे और फिर तमनार वाला रूट को पकड़ेगे। इसी तरह वापस आने के लिए भी भारी वाहन के चालक इन्हीं रास्तों का उपयोग करेंगे। इससे होचपोच की स्थिति निर्मित होगी, लेकिन इनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
वर्सन
गोवर्धनपुर पुल को विशेषज्ञों ने जर्जर बताया है। पुल के उपर का पूरा स्लैब तोड़ कर इसका पुर्ननिर्माण करना होगा। इसके लिए हमारे द्वारा साढ़े 3 करोड़ का प्रपोजल बनाया गया, जिसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही पुल में तोड़फोड़ और निर्माण का काम शुरू होगा। वर्तमान में पुल पर ट्रैफिक बंद करने के लिए बैरिकेटिंग किया जा रहा है। फिलहाल पुल के निर्माण तक इस मार्ग में भारी वाहन प्रतिबंधित रहेगा।
एन आर भगत, एसडीओ, सेतु निगम





