विकास कार्यों का विरोध कर दलगत राजनीति कर रही महापौर: सुगनचंद फरमानिया

रायगढ। नगर निगम प्रांगण में वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए पानी टंकी के शिलान्यास के बाद भाजपा कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। महापौर व नेता प्रतिपक्ष तथा पार्षदों की बयानबाजी के बाद अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और मीसाबंदी नेता सुगनचंद फरमानिया ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। श्री फरमानिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि व्यक्तिगत रूप से महापौर जी का बहुत सम्मान करता हूं लेकिन अभी कुछ समय से निगम में नियमों के हवाले देकर पानी टंकी के शिलान्यास को लेकर हाय तौबा मची है।कहा जा रहा है की एमआईसी और सामान्य सभा से अभी तक स्वीकृति नहीं हुई है। ऐसी हालत में सामान्य सभा को अतिक्रमित किया गया है।नियमों के हवाले से यह बात सही कही जा सकती है लेकिन स्वीकृति की अपेक्षा में भी विकास के बहुत से कार्य शुरू किए जाते रहे है।
इसमें एक उदाहरण देना चाहूंगा की परिषद की सामान्य सभा को अतिक्रमित करके यूजर चार्ज क्यों और कैसे लिया जा रहा है।नियमत: कोई भी टैक्स निगम की सामान्य सभा से पहले अंगीकार किया जाता है उसके पश्चात ही निगम के अधिकारी कोई भी टैक्स वसूली कर सकते हैं। निगम के महापौर अथवा कोई भी अधिकारी बताए की यूजर चार्ज की वसूली से संबंधित प्रस्ताव सामान्य सभा में कब अंगीकार किया गया।सामान्य सभा द्वारा अंगीकार नहीं किए जाने की स्थिति में महापौर के अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा यूजर चार्ज की वसूली सरासर महापौर और परिषद का अपमान है।जबकि पानी टंकी का कार्य का भूमि पूजन तो एक विकास का कार्य है। जिसका पूजन शासन के वित्त मंत्री और शहर विधायक ओपी चौधरी द्वारा किया गया है। इस कार्य का विरोध करना केवल और केवल दलगत राजनीति ही कहा जायेगा । जो कार्य शहर विकास के लिए हो। उसमें नियमों का तकनीकी हवाला देकर आलोचना करना न्योचित नहीं है। भूमि पूजन का कार्य का उद्देश्य केवल विकास है। नियमों का उल्लंघन नहीं है। मैं चाहूंगा की महापौर जी अथवा कोई भी अधिकारी जनता के सामने यह अवश्य ही स्पष्ट करे की यूजर चार्ज वसूली का प्रस्ताव परिषद द्वारा कब स्वीकार किया गया।यदि अंगीकार नहीं किया गया है तो क्या यह परिषद का अपमान नहीं है और महापौर जी इस पर चुप क्यों है।




