रेलवे बोर्ड की बैठक में राज्यसभा सांसद ने 7 प्रमुख एजेंडे मांग को रखे बोर्ड के समक्ष
सांसदों के साथ रेल अधिकारियों की हुई बैठक, यात्री सुविधा समेत लेटलतीफी दूर करने की मांग

रायगढ़। बीते दिन रेल अफसरों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने रेलवे के अधिकारियों को गंभीरता से सांसदों के प्रस्तावों और मांगों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही बिलासपुर मंडल में चल रहे रेल विकास के कार्यों को भी तय समय में पूर्ण करते हुए रेल सुविधाओं का विस्तार करने को कहा है।
बिलासपुर रेल मंडल अंतर्गत आने वाले संसदीय क्षेत्रों के सांसदों की बैठक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक नीनु इटियेरा के साथ जोन कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित हुई। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने की। बैठक की शुरुआत परिचय देने से हुई। इसके पश्चात एक के बाद एक सांसदों ने रेलवे के प्रति अपने मांग तथा नाराजगी जाहिर करनी शुरू कर दी।
बैठक मे सांसदों का कहना था कि, रेल अधिकारी सांसदों के प्रस्तावों पर किसी प्रकार जवाब नहीं देते और ना ही कोई कार्रवाई करते हैं. यही नहीं क्षेत्र और यात्री सुविधाओं के लिए जरूरी प्रस्तावों की भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सांसदों ने इसके साथ लगातार ट्रेनों के रद्द होने, लेटलतीफी और स्टॉपेज खत्म करने के कारण हो रही रेल यात्रियों की परेशानी से भी अधिकारियों को अवगत कराया. सांसदों ने इस दौरान ट्रेनों के स्टॉपेज, तय समय में ट्रेनों के परिचालन, जनरल यात्री कोच बढ़ाने जैसी जरूरी मांगे भी रेलवे के सामने रखीं। इस बैठक में राज्य सभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने भी रायगढ़ समेत जिले से जुड़े स्टेशन को लेकर कई पुरानी मांग को रखें है। इसमें उनके द्वारा सात मांग प्रमुख रही है जिसे अमल में लाने तथा प्रयास करने की बात कही गई है।
राज्यसभा सदस्य ने रखे सुझाव के तौर पर यह प्रस्ताव
रायगढ़ से कोरबा (रायगढ़ मेमू ट्रेन) तत्काल प्रारंभ करें।
रायगढ़ से प्रयागराज, रायगढ़ व्हाया कटनी, सतना, चक्रधर एक्सप्रेस चालू हो।
खरसिया घरघोड़ा कॉरीडोर में यात्री ट्रेन चालू हो, जिससे आदिवासी अंचल को यात्री ट्रेन सुविधा का लाभ प्राप्त हो सके।
नॉनस्टॉप ट्रेनों को रायगढ़ रेलवे स्टेशन में स्टॉपेज दी जाए,
जिसमे वास्कोडिगामा, पुणे हमसफ़र, ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस,
संतरा गाछी नांदेड़ एवं हैदराबाद पटना कवि गुरु एक्सप्रेस का ठहराव।
सक्ती स्टेशन पर अहमदाबाद तथा रायगढ़ गोडवाना एक्सप्रेस नियमित स्टापेज किया जाए।
रायगढ़ में रेलवे टर्मिनल निर्माण कार्य वर्षों से लंबित है प्राथमिकता के आधार पर किया जावे।
ब्रिटिश दौर में हुए समझते का पालन नही इस पर जताए नाराजगी
हबीबगंज को रानी कमलापति, झांसी स्टेशन को वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन नामकरण किया गया है इसी के तहत सन 1900-1910 के बीच बंगाल नागपुर रेल लाईन निर्माण के दौरान राजा भुपदेव सिंह द्वारा तात्कालिन ब्रिटिश शासन से इकरारनामा के तहत ब्रिटिश राज्य को 45 मील भूमि निःशुल्क दिय गया है। उनके पुत्र संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह जी के नाम पर रायगढ रेलवे स्टेशन का नामकरण किया जावे। इकरारनामा में रायगढ रेलवे स्टेशन से गुजरने बाले सभी ट्रेनों का स्टापेज रायगढ़ होना तय किया गया है जिसका पालन नहीं किया जा रहा है। जिन ट्रेनों को रायगढ़ में स्टापेज दिया जाना है इस पर बोर्ड ने
जवाब देते हुए बताए कि स्टेशन का नाम परिवर्तन रेलवे बोर्ड द्वारा राज्य सरकार की सिफारिश और गृह मंत्रालय (MHA) की स्वीकृति के आधार पर किया जा सकता है।