Tuesday, October 14, 2025
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नदी नाले में विषैला पानी डाल रहे उद्योग, नोटिस की भी परवाह नहीं

नदी नाले में विषैला पानी डाल रहे उद्योग, नोटिस की भी परवाह नहीं, अब दोबारा भेजा रिमाइंडर

जिंदल, एमएसपी, अडाणी समेत एनटीपीसी व एसईसीएल भी बेपरवाह


जनकर्म न्यूज
रायगढ़। जिले में जिंदल, एमएसपी, अडाणी से लेकर एनटीपीसी व एसईसीएल जैसे सार्वजनिक उपक्रम भी केलो नदी व प्राकृतिक नालों में विषैला पानी डाल रहे हैं। जल संसाधन विभाग ने ऐसे 55 उद्योगों की पहचान कर जुलाई महीने में नोटिस जारी किया था, लेकिन कंपनियों ने उसे कूड़े में डाल दिया। अब केलो में प्रदूषण को लेकर विभाग पर दबाव बढ़ा तो 27 कंपनियों को दोबारा से रिमाइंडर नोटिस भेजा गया है, लेकिन हैरत की बात यह है कि इन सब गतिविधियों से पर्यावरण विभाग खुद को अनजान बता रहा है।
उद्योग नगरी में सभी कंपनियां जिले की खनिज व प्राकृतिक संपदा लूटने में लगी हैं। सीएसआर के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाने वाली कंपनियां पर्यावरण के अलावा रायगढिय़ों के साथ भी धोखा कर रही हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा उद्योगों को भेजे गए नोटिस पर गौर करें तो यही बात सामने आ रही है। दरअसल जिले के लगभग सभी उद्योग केलो नदी और प्राकृतिक नालों को प्रदूषित कर रहे हैं। इसके जानकारी विभागीय सहित प्रशासनिक अधिकारियों को भी है, लेकिन इन उद्योगों के सामने जिला प्रशासन नतमस्तक नजर आ रहा है। इन पर कार्रवाई करना तो दूर इन्हें ऐसा करने से रोकने में भी जिम्मेदार अधिकारी नाकाम साबित हो रहे हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा जुलाई माह में ही जिले के ऐसे 55 उद्योगों को नोटिस जारी कर कहा गया था कि उनके उद्योगों से उत्सर्जित होने वाले तरल अपशिष्ट आस-पास के नदी-नालों में बहकर पानी को प्रदूषित करते हुए केलो नदी में आकर मिल रहा है। जिससे केलो नदी का पानी भी प्रदूषित हो रहा है, लेकिन उद्योगों द्वारा उक्त नोटिस को कूड़े में फेंक दिया गया और डंके की चोट पर फिर से हमारी जीवनदायिनी को प्रदूषित किया जाने लगा। विभागीय अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने पर पाया गया कि उक्त उद्योग तो नोटिस के बाद भी नहीं सुधर रहे हैं तो इसी माह 11 सितंबर को फिर से जिंदल, अग्रोहा स्टील, नलवा, सिंघल इंटरप्राइजेस, बीएस स्पंज, मां काली एलायज, श्याम इस्पात, तिरूमाला बालाजी सहित 27 उद्योगों को रिमाइंडर नोटिस भेजा गया है। इस तरह जल संसाधन विभाग के अधिकारी सिर्फ नोटिस-नोटिस का खेल खेल रहे हैं और उद्योगों द्वारा केलो नदी को प्रदूषित करने का सिलसिला जारी है।
उद्योगों के पास नहीं है कोई फिल्टर प्लांट
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी नोटिस में उद्योगों को कहा गया है कि वो अपने उद्योगों से निकलने वाले तरल अपशिष्ट को उपचारित कर पुन: उपयोग करने कहा गया है, लेकिन अधिकांश उद्योगों के पास फिल्टर प्लांट ही नहीं है जोकि अपशिष्ट हो उपचारित कर सके। जल संसाधन विभाग व पर्यावरण विभाग को को मालूम ही नहीं है कि किस उद्योग में फिल्टर प्लांट है या नहीं। इसी तरह शासकीय विभाग के अधिकारियों की शह पर उद्योग पर्यावरण को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं।
नींद में गाफिल हैं पर्यावरण विभाग के अधिकारी
जल संसाधन विभाग के अधिकारी का कहना है कि वो सिर्फ उद्योगों को ऐसा नहीं करने के लिए नोटिस दे सकते हैं, कार्रवाई करने का अधिकार उन्हें नहीं पर्यावरण विभाग को है। उनके द्वारा उद्योगों को दी गई नोटिस की प्रति कलेक्टर और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को भी भेजी गई है, लेकिन अब तक किसी उद्योग पर कार्रवाई नहीं हुई है। क्योंकि पर्यावरण विभाग नींद में गाफिल है। पर्यावरण विभाग का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कौन सा उद्योग केलो नदी में अपना अपशिष्ट छोड़ रहा है। इस तरह जिम्मेदार अधिकारी अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रहे हैं।


जिले के ये उद्योग फैला रहे हैं जल प्रदूषण
<मेसर्स मां मंग्ला इस्पात लिमिटेड, नटवरपुर<मेसर्स नवदुर्गा फ्यूल प्राइवेट लिमिटेड, सराईपाली<मेसर्स जेएसडब्ल्यू इस्पात स्पेशल प्रोडक्ट लिमिटेड ग्राम नहरपाली<मेसर्स इंड सिनर्जी लिमिटेड, कोटमार, महापल्ली<मेसर्स सुनील इस्पात एंड पॉवर लिमिटेड चिराईपानी, लाखा<मेसर्स जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, पतरापाली<मेसर्स नलवा स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, तराईमाल<मेसर्स एमएसपी स्टील्स एंड पॉवर लिमिटेड, जामगांव<मेसर्स एनआरवीएस स्टील्स लिमिटेड, ग्राम तराईमाल<मेसर्स श्री श्याम इस्पात (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, तराईमाल<मेसर्स मां शाकम्बरी स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड, संबलपुरी<मेसर्स रायगढ़ इस्पात एंड पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, देलारी<मेसर्स स्केनिया स्टील एंड पॉवर्स लिमिटेड, पंूजीपथरा<मेसर्स शिवशक्ति स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड, चक्रधरपुर<मेसर्स बीएस स्पंज प्राइवेट लिमिटेड, तराईमाल<मेसर्स रायगढ़ आयरन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, पूंजीपथरा<मेसर्स स्काई एलायज एंड पॉवर प्राइवेट लिमिटेड, टेमटेमा<मेसर्स एनआर इस्पात पॉवर लिमिटेड, गौरमुड़ी<मेसर्स सिंघल एनर्जी लिमिटेड, तराईमाल<मेसर्स सालासर स्पंज एंड पॉवर लिमिटेड, गेरवानी<मेसर्स अंजनी स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड, उज्जवलपुर<मेसर्स मां काली एलायज, पाली<मेसर्स सुनील स्पंज प्राइवेट लिमिटेड, सराईपाली<मेसर्स सन स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, बड़े गुमड़ा<मेसर्स सिंघल इंटरप्राइजेस प्राइवेट लिमिटेड, तराईमाल<मेसर्स एसईसीएल लिमिटेड ओपन कास्ट कोल माइंस, छाल<मेसर्स रायगढ़ इनर्जी जनरेशन लिमिटेड, बड़े भंडार<मेसर्स जिंदल पॉवर लिमिटेड, तमनार<मेसर्स जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, डोंगामहुआ कैप्टिव पॉवर प्लांट, डोंगामहुआ<मेसर्स एमएसपी स्पंज आयरन लिमिटेड, मनुआपाली<मेसर्स एनटीपीसी लिमिटेड लारा सुपर थर्मल प्रोजेक्टर, लारा पुसौर<मेसर्स टीआरएन इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, भेंगारी, घरघोड़ा<मेसर्स एसकेएस पॉवर जनरेशन (छत्तीसगढ़) लिमिटेड ग्राम बिंजकोट एवं दर्रामुड़ा<मेसर्स रूकमणी पॉवर एंड स्टील लिमिटेड, कुनकुनी<मेसर्स आरआर इनर्जी लिमिटेड, गढ़उमरिया<मेसर्स महावीर इनर्जी एंड कोल बेनिफिकेशन लिमिटेड, भेंगारी<मेसर्स एसईसीएल लिमिटेड गारे 4/1 कोल माइंस, तमनार<मेसर्स एसईसीएल लिमिटेड गारे 4/223 कोल माइंस, तमनार<मेसर्स एसईसीएल लिमिटेड बरौद ओपन कास्ट कोल माइंस, बरौद<मेसर्स एसईसीएल लिमिटेड जामपाली अेपन कास्ट कोल माइंस, जामपाली<मेसर्स हिंडाल्को इंडस्ट्रीज गारे पेलमा 4/4 कोल माइंस, बांझीखोल, तमनार<मेसर्स हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड गारे पेलमा 4/5 कोल माइंस, मिलूपारा, तमनार<मेसर्स सारडा इनर्जी, गारे पेलमा 4/7 कोल माइंस, करवाही, तमनार<मेसर्स अंबुजा सीमेंट्स गारे 4/8 कोल माइंस, तमनार<मेसर्स छग स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, गारे पेलमा, सेक्टर 3, तमनार<मेसर्स एनटीपीसी तिलाईपली माइंस, घरघोड़ा<मेसर्स अगरोहा स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, पाली, गेरवानी<सेलिना स्टील प्राइवेट लिमिटेड, तराईमाल<तिरूमाला बालाजी एलायज प्राइवेट लिमिटेड, पूंजीपथरा<मां शाकंबरी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, संबलपुरी<आरआर एनर्जी लिमिटेड, गढ़उमरिया<रूपानाधाम स्टील प्राइवेट लिमिटेड, सराईपाली<जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, गेजामुड़ा<सेटर्न फेरो एलायज प्राइवेट लिमिटेड, गढ़उमरिया<मां चंद्रहासिनी इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, गेरवानी


केलो नदी में उद्योगों द्वारा अपशिष्ट छोड़ जाने व जल संसाधन विभाग द्वारा उद्योगों को नोटिस जारी करने की मुझे कोई जानकारी नहीं है। मेरे पास कोई भी लेटर नहीं आया है, ऐसे में मैं इस बारे में कुछ नहीं बता सकता।

  • अंकुर साहू, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी
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