मानसून में भी किसानों को पानी की किल्लत, सिंचाई के लिए केलो डेम से मिला सहारा
पिछले साल की तुलना डेम में जल स्तर कम होने के बावजूद किसानों की डिमांड पर दिया जा रहा पानी
रायगढ़। मानसून में भी किसानों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। खेती करने के लिए किसान पानी को तरस रहे हैं। बारिश अच्छी नहीं होने पर पिछले साल की तुलना केलो डेम में जल स्तर भी कम है। बावजूद इसके किसानों की डिमांड पर सोमवार से उन्हें पानी दिया जा रहा है।
दरअसल इस साल बारिश अच्छी नहीं हुई है, जिससे किसानों को खेती की चिंता सताने लगी है। पहले खरीफ सीजन में किसानों की खेती बारिश से ही हो जाती थी, लेकिन अब उन्हें पानी के लिए निर्भर रहना पड़ता है। केलो परियोजना के तहत पुसौर, धनागर क्षेत्र में नहरों का काम हो गया है, कुछ प्रतिशत ही काम बाकी है। अब तक किसान बारिश के लिए इंद्रदेव को मनाने में लगे हुए थे, लेकिन फिर भी खेती के लायक बारिश नहीं हुई। ऐसे में धनागर, तेलीपाली, बिजना, गढ़उमरिया, तेतला, छातामुड़ा क्षेत्र के किसानों ने जल संसाधन विभाग से केलो परियोजना के तहत पानी की डिमांड की। किसानों की डिमांड को देखते हुए विभाग द्वारा केनाल के माध्यम से सोमवार की दोपहर 1 बजे से 1 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है, ताकि किसानों को सिंचाई में किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए।
*केलो डेम में पानी की स्थिति*
केलो डेम में पानी रखने की क्षमता 233 मीटर और एमसीएम में कहें तो 61.95 एमसीएम है। वर्तमान में डेम में 19.18 एमसीएम पानी भरा है। जबकि 22 जुलाई की तारीख में 2023 में 23.36 एमसीएम पानी भरा था। जून माह से मानसून की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इस बार बारिश ठीकठाक नहीं होने के कारण केलो डेम में जल का स्तर कम है।