Monday, December 23, 2024
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गर्मी आते ही केलो नदी में बने प्राकृतिक पचधारी एनीकट बच्चे बड़े महिला पुरूष हर वर्गों की पसंद से बढ़ी रौंनक

जिला प्रशासन को शहरवासियों को सुरक्षित माहौल देने सुरक्षा व्यवस्था का करना चाहिए पर्याप्त इंतजाम
रायगढ़ (जनकर्म न्यूज)। बदलते मौसम के बीच जिले में बेतहाशा गर्मी पड़ रही है । सूरज की झुलसा देने वाली तपिश से लोग बेहाल है। इन सभी बीच लोगो मे केलो नदी में बने प्राकृतिक झरने पचधारी एनीकट में नहाने का खुमार सिर चढ़कर बोल रहा है बच्चे बड़े महिला पुरूष, तथा लोग परिवार दोस्तों के साथ बड़ी संख्या में यहां आकर छाई- छपाक कर अटखेलियां कर आनंदित कर आनंद से प्रफुल्लित रहे है। विडंबना यह है कि प्रतिदिन मेला की तरह रहने वाले मंजर के बीच पचधारी में जिला प्रशासन पुलिस विभाग मनचले से निपटने तथा लोगो को डूबने से बचाने गोताखोरों जैसे जरूरी सुविधा जनहित में भी उपलब्ध कराने दिलचस्पी नही दिखा रहा है। इससे हादसे का भी भय बना हुआ है।
गौरतलब हो कि जिले में बीते सप्ताह भर से पारा चढ़ते हुए 43-44 डिग्री पार कर दिया है। लोग इससे बचने के लिए कई तरह के देशी घरेलू तरीके को अपना रहे है।
मई माह में पड़ने वाली भीषण गर्मी इन दिनों जिलो में महसुस हो रहा है। लोग इस गर्मी से बचने लोग कई तरह के उपाय कर रहे हैं, फिर भी इस गर्मी से लोगो को राहत नही मिलता रहा है।परंतु इस गर्मी में लोगों को पचधारी एनीकट काफी राष आ रहा है। इस कारण पचधारी एनीकट में सुबह से लेकर शाम तक लोगों को पानी में छाई-छपाक करते देखा जा सकता है। केलो नदी पचधारी में बने एनीकट से पानी का लबालब नीचे गिरने के कारण से प्राकृतिक झरने की तरह प्रतीत हो है।इस कारण लोगो की दिलचस्पी इस गर्मी में छुट्टी में प्रकृतिक वाटर फॉल का मजा ले रहे है। पचधारी का खुमार लोगो मे बढ़ चढ़कर दिखाई दे रहा है। लोग इस मनोरम दृश्य लोग नहाने के साथ सेल्फी फोटो अपने कैमरे में कैद करते नजर आ रहे है। लोगो की भीड़ देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस वर्ष भी पचधारी शहर वासियों पर छाया रहेगा। हालांकि यहां दूसरी और हादसे भी हर वर्ष हो रहा है। जिसे रोकने के लिए हर साल लोग सुरक्षा व्यवस्था तथा पुलिस एवं गोताखोर की मांग करते आ रहे है लेकिन जिम्मेदार इस दिशा में कोई पहल करने के बजाए मूकदर्शक बने रहते हैं। देखा जाए तो अगर यह शहर वासियों की पहली पसंद जब यह प्राकृतिक झरना है तो इसमें सुरक्षा व्यवस्था निहायत ही ज़रूरी है।

सौंदर्यीकरण की मांग उठने लगी

चांदमारी सर्किट हाउस के पीछे पचधारी पहुच मार्ग बदहाल है। वही कचरा डंपिग यार्ड होने के कारण कचरे के बदबू से हलाकान होना पड़ रहा है। इसके अलावा पचधारी पिकनिक स्पॉट की तरह है जिसमें हर मौसम में लोग बड़ी संख्या में परिजनों के साथ पिकनिक मनाते है। इन सभी तथ्यों को देखते हुए लोगो द्वारा इसे जीर्णोद्धार की मांग की जाने लगी है।

सोशल मीडिया ने दिलाई अलग पचधारी को पहचान

आधुनिक युग में सोशल मीडिया पूरी तरह से हावी है लोग किसी भी तरह से खुद को कम आंकना नागवार समझ रहे है।देखा जाए तो इस आधुनिक युग मे फेसबुक के माध्यम से चांदमारी सर्किट हाउस पीछे स्तिथ पचधारी एनीकट जो कल तक लोगों के लिए अभियज्ञ था।देखा जाए तो एनीकट से गिरता पानी झरने से कम नही है ।लोगों के द्वारा यहां आकर मौज मस्ती के साथ छाई छपाक एवं यहां गिरते पानी की मनोरम तस्वीर को फेसबुक में पोस्ट करने के कारण ही आज यहां लोगो की रौनक है ।आज के समय मे यह जिले एवं पड़ोसी जिले में फेसबुक के माध्यम से एक अलग पहचान बना ली है ।

सुरक्षित माहौल देने गोताखोर और पुलिस की व्यवस्था की उठने लगी मांग

अल्प समय में पचधारी एनीकट लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है जिसमें गर्मी की शुरुआत से ही लोग बड़ी संख्या में रोजाना सुबह से लेकर शाम तक गर्मी को दूर करने के लिए नहाते हुए दिखाई देते हैं। जबकि पचधारी के निकट में कोरोना काल से पहले सुरक्षा को लेकर हाय तौबा मच चुकी है। जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस पर बैन भी लगा चुकी थी। परंतु लोगो के रुझान के कारण यह बैन बेअसर रहा। आलम यह रहा कि गत वर्ष कोतवाली पुलिस पार्टी तक तैनात की गई परंतु यह इस वर्ष संभव नही हो पाया है। जबकि यहां मेला की तरह हर दिन माहौल बना रहता है। हादसे से दूर तथा असमाजिक तत्वों से निपटने के लिए पुलिस को सक्रिय तथा तैनात रहने की मांग की जा रही है।इसके अलावा सबसे ज्यादा सुरक्षा व्यवस्था के लिए गोताखोर की दरकार है।

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