किस काम की नो एंट्री, प्रतिबंध के बाद भी भरी दोपहर धड़ल्ले से शहर में दौड़ रहे भारी वाहन
डीजल बचाने शहर की सड़कों का कर रहे उपयोग, नहीं हो रही कार्रवाई
जनकर्म न्यूज रायगढ़। शहर के भीतर भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन सभी नियमों व निर्देशों को दरकिनार करते हुए भारी वाहन शहर के भीतर भरी दोपहर में धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इन वाहनों को शहर के बाहर हाईवे का उपयोग कर एक से दूसरी ओर जाने के लिए निर्देशित किया गया है, किंतु भारी वाहन चालक डीजल बचाने के लिए शहर की सड़क का उपयोग करते नजर आते है। रात के वक्त भारी वाहनों की शहर के भीतर से आवाजाही का यह सिलसिला काफी बढ़ गया है। किंतु ऐसे भारी वाहनों पर ट्रैफिक विभाग निरंतर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
बता दें कि गोवर्धनपुर पुलिया जर्जर हो चुकी है, ऐसे में इसमें भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है। जिसकी वजह से कोयला रोड ट्रेलर आदि हर दिन शहर की सड़कों से गुजरते नजर आते हैं, जबकि इन भारी वाहनों को हाईवे से होते हुए बाइपास की ओर जाने को कहा गया। बता दें कि इस भारी वाहनों पर नियमों का उल्लंघन करने की स्थिति भारी भरकम जुर्माना भी समय-समय पर लगाया जाता है, लेकिन इसके बाद भी इनकी मनमानी जारी है। उक्त भारी वाहन मुख्य रूप से चक्रधर नगर रोड, मरीन ड्राइव, जूटमिल रोड, अतरमुड़ा रोड और सर्किट हाउस रोड का उपयोग करते हैं।
जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्टस की जामगा, बेहपहाड़ व ब्रजराजनगर कोतरलिया आदि से आवाजाही करने वाले ट्रेलर सहित अन्य भारी वाहनों को शहर के भीतर प्रवेश पर प्रतिबंध है। इन भारी वाहनों का करीब 40 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए तमनार जाकर महापाली, कोतरलिया और जामगा जाना पड़ता है, ऐसे में इनमें डीजल की खपत बढ़ जाती है। इसी डीजल पर पड़ रहे अतिरिक्त खर्च को बचाने के लिए ही भारी वाहन चालक शहर की सड़कों का उपयोग करते हुए एक से दूसरे स्थान तक पहुंचते हैं। पहले तो रात में भारी वाहनों की आवाजाही देखी जाती थी, किंतु अब तो भरी दोपहर में भारी वाहन चालक शहर में धड़ल्ले से दौड़ते नजर आते हैं।
दुर्घटना की बनी रहती है आशंका
शहर के भीतर भारी वाहनों की आवाजाही के कारण अक्सर बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। ज्ञात हो कि बीते वर्ष जिला न्यायालय के सामने एक ट्रेलर ने स्कूटी सवार व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लिया था, जिसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके साथ ही गोवर्धनपुर मार्ग भी बीते वर्ष एक युवक की मौत इसी तरह भारी वाहन की चपेट में आकर हुई थी।
रात में बढ़ जाती है आवाजाही
मुख्य रूप से रात को शहर में प्रवेश करने वाले भारी वाहन मध्य रात्रि 12 से 1 बजे के बाद रामपुर से सर्किट हाउस होते हुए खर्राघाट पुलिया से मरीन ड्राइव से चक्रधर नगर होते हुए हमीरपुर की ओर जाते हैं। इसके साथ ही भारी वाहन चालक रात करीब 11 बजे के बाद जेल परिसर से होते हुए क लेक्टोरेट और वहां से महापल्ली की और जाते नजर आते हैं। खास तौर पर छातामुड़ा बाइपास से जूटमिल होते हुए जामगा व हमीरपुर व खर्राघाट पुलिया होते हुए रामपुर से सर्किट हाउस मार्ग का उपयोग भारी वाहन चालक अपने वाहनों के डीजल बचाने के लिए करते हैं। यही वजह है कि शहर की कई सड़के समय से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गई हैं।




