रविशंकर मार्केट की 22 दुकानों को पीछे शिफ्ट क रने का शासन को भेजा प्रस्ताव, नहीं मिल पाई अनुमति
सडक़ के चौड़ीकरण में यही बन रही सबसे बड़ी अड़चन, 15 साल से अटकी प्रक्रिया, अब भी धरातल से दूर
रायगढ़। सुभाष चौक से ओव्हर ब्रिज तक सडक़ की चौड़ाई बढ़ाने के लिए रविशंकर मार्केट को पीछे शिफ्ट करने की योजना है। इसके लिए शासन को नगर निगम ने प्रस्ताव बना कर भी भेज दिया है। किेंंतु इसकी अनुमति अब तक शासन से नहीं मिल सकी है। जिस कारण यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। बता दें कि इस रूट पर ही हर मिनट जाम लगता है, ऐसी स्थिति में इसकी चौड़ाई बढ़ाने का एक मात्र रास्ता रविशंकर मार्केट की 22 दुकानों को पीछे शिफ्ट करना ही है, किंतु यह प्रस्ताव भी अब तक धरातल पर नहीं उतर पाने की वजह से सडक़ की चौड़ाई बढ़ाने में सबसे बड़ी अड़चन यही साबित होता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि सुभाष चौक से रविशंकर मार्केट और ओव्हर ब्रिज तक दिन भर में कई बार जाम की स्थिति से लोगों का जूझना पड़ता है। क्योंकि इस मार्ग की चौड़ाई महज से 15 से 20 फीट है, वहीं यहां स्थित दुकानों के सामने वाहनों क ी पार्किंग होने के कारण यह सडक़ और भी संकरी हो जाती है। बता दें कि नगर निगम कार्यालय परिसर से लगी हुई रविशंकर मार्के ट की दुकानों को इसके ठीक पीछे खाली पड़ी नगर निगम की भूमि में शिफ्ट करने योजना पर एक बा फिर नगर निगम प्रबंधन काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि रविशंकर मार्केट की करीब 22 दुकानों को पीछे शिफ्ट करने के लिए शासन को प्रस्ताव बना कर भेजा गया है। किंतु अब तक इस मामले में शासन से अनुमति नहीं मिल सकी है। इन 22 दुकानों को पीछे शिफ्ट करने से इस सडक़ की चौड़ाई भी करीब दो दुनी हो जाएगी। जिसके बाद यहां वाहनों का आवागमन प्रभावित नहीं होगा और पार्किंग के लिए भी पर्याप्त जगह होगी। मुख्य बात यह है कि यह प्रस्ताव पहली बार महापौर महेन्द्र चौहथा की शहर सरकार के समय वर्ष 2010 में लाया गया था, कि ंतु इसके बाद नगर निगम की 3 सरकारें बदल गई और इस प्रस्ताव पर नहीं हो सका। वहंी दूसरी ओर इसी मार्ग पर अधिकतर ज्यादातर ट्रैफिक जाम लगता है। बता दें कि इन 15 वर्षों में शहर में वाहनों की संख्या में करीब 3 गुना वृद्धि हुई है, वहीं शहर की आबादी में भी काफी इजाफा हुआ है। ऐसी स्थिति में यदि इस प्रस्ताव पर शासन से अनुमति मिल जाती है तो आने वाले समय में इस सडक़ की चौड़ाई बढऩे से व्यापारियोंं को जर्जर दुकानों से मुक्ति मिलेगी तथा इसके साथ ही शहरवासियों को इस मार्ग पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से परेशान नहीं होना पड़ेगा।
दुकानें हुई जर्जर
रविशंकर मार्केट की 22 दुकानों को नगर निगम की खाली पड़ी भूमि में शिफ्ट करने के लिए प्रस्ताव मार्च 2010 को साधारण सभा मेंपारित किया गया था। उस दौरान इस प्रस्ताव में बताया गया था कि उक्त 22 दुकानें करीब 40 साल पुरानी है। ऐसे में वर्तमान में इन दुकानों को करीब 55 वर्ष हो चुके हैं और यह दुकानें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं। जिससे इन दुकानें ढ़हने का भी खतरा बना रहता है। कई बार दुकानदार स्वयं के व्यय से इसकी मरम्मत करा चुके हैं, लेकिन स्थिति नहीं सुधर पा रही हैं। दुकानों की छतें बारिश के दिनों में टपकती हैं, जिससे दुकान में रखने सामान के नुकसान होने की आशंका बनी रहती है।
दुकानों के निर्माण का ले आऊट भी भेजा
जानकारी के अनुसार बीते मार्च 2010 में साधारण सभा से प्रस्ताव पास होने के बाद तत्कालीन निगम आयुक्त ने सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को प्रस्ताव की कॉपी और नई दुकान बनाने के लिए ले आउट भी भेजा था। इसमें यह भी बताया गया था कि रेलवे ओवरब्रिज के कारण रोड का डायवर्सन हुआ तो दुकानें बीच सडक़ में आ गई है, ऐसे में उन्हें हटाना जरूरी भी है, लेकिन बात इससे आगे नहीं बढ़ पाई और यह प्रस्ताव अब तक अधर मेें लटका हुआ है।