Monday, December 1, 2025
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मूसलाधार बारिश नदी नाले में बढ़ा जलस्तर, गली मोहल्ले, सड़के तालब बनी

मूसलाधार बारिश नदी नाले में बढ़ा जलस्तर, गली मोहल्ले, सड़के तालब बनी, वार्डो और पाश कालोनी में पानी भरा

नाले नालियों पर अतिक्रमण कारियो ने किया कब्जा,जल निकासी नहीं होने से जलमग्न के हालात

रायगढ़।
जिले में बुधवार रात से आरंभ मूसलाधार बारिश दूसरे दिन दोपहर तक चला।वर्षा शहर की चाल को बिगाड़ कर रख दिया। सीजन में पहली बार केलो नदी उफान पर बहने लगी, चहुओर बारिश से जलभराव, नाले और नालियां का पानी लोगो के घरों दुकान में प्रवेश कर गया। जल निकासी नही होने से पाश कालोनी व मुख्य मार्गऔर मोहल्ला तालाब बन गया। जल निकासी नही होने से नदी की धार की तरह पानी का बहाव बहने लगा। जल भराव की समस्या से लोगो का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है जिसने नगर निगम के दावे की पोल को खोलकर रख दिया।


शहर में जलभराव का होना यह स्वाभाविक है, यह हर वर्ष अपनी भयावह के साथ लोगो के जनजीवन को प्रभावित करता है। दरअसल 48 वार्डो में जितने भी नाले नाली है उनमें अधिकांश रसूखदार अतिक्रमण कारियों का कब्जा है। यही हाल पैठूडबरी, गोपी टाकीज,बावली कुआं, राम भांटा, कैदीमुड़ा, खेतपारा, डिपापारा, गुजराती -बंगाली पारा,मोदी नगर, सिद्धि विनायक कालोनी,संजय काम्प्लेक्स समेत अन्य स्थान है जहां जल भराव हो रहा है।इन इलाके में हर वर्ष करोड़ो रूपये खर्च कर साफ सफाई नाले नाली की कराई जाती है। लेकिन नाली नाला से कब्जा हटाना मुनासिब नही समझती है यही वजह है कि हर वर्ष जल भराव की स्थितियों से लोगों को गुजरना होता है। पानी से लाबलब घरों के निवासरत लोगो ने बताया कि गर्मी में जिला प्रशासन एकं नगर निगम के साथ पार्षद को नाली एवं नाला निर्माण कराए जाने की मांग की थी । इसके अलावा जल निकासी की समुचित प्रबंध करने का निवेदन भी किया गया था चूंकि इसे दरकिनार कर दिया गया इसका नतीजा पहले ही मुसलाधार बारिश ने लोगो को त्राहिमाम करने में मजबूर कर दिया। बारिश कहर बनकर बरपाने के बाद नगर निगम प्रशासन की नींद टूटी। ततपश्चात अलग अलग टीम बनाकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा निरीक्षण संबंधित उपकरणों कर साथ किया गया। इसमें नगर निगम आयुक्त एवं प्रसाशनिक टीम भी शामिल रही। बहरहाल पहली बार मूसलाधार बारिश से नगर निगम की सफाई अभियान महज पैसे की बर्बादी के तौर पर नजर आई है लोगो का यह भी मानना है कि निगम को नालियो से अतिक्रमण पर बैगेर कोई रियायत देते तोड़फोड़ कर इस समस्या से लोगो को दूर करना चाहिए। वही दूसरी ओर लोगों ने इंटरनेट मीडिया में भी निगम की कार्यप्रणाली पर जमकर भड़ास निकाले है

नामचीन कालोनी और नीचले मोहल्ले में प्रवेश किया पानी लोग हलकान

मुशालाधार बारिश के बाद लोगो के घरों में बारिश का पानी भरने से कई वार्ड के रहवासियों के घरों कर अंदर तालाब बन गया हैं। लोग सामानों को सुरक्षित स्थान में रखने का बंदोबस्त करने लगे है। जिसमें तेंदुडीपा, हाउसिंग बोर्ड कालोनी, रामनिवास टाकीज के बगल,पुष्पक होटल गली,
सिद्धि विनायक कालोनी,रायल कालोनी ग्रीन छातामुड़ा समेत अन्य स्थानों में भी यही हाल रहा है। घरों में रहवासियों के अफरातफरी का मौहल निर्मित हो गया है।

नाली नाला में व्यपाक अतिक्रमण से बना शहर तालाब

शहर के संबंध सभी नर नारियों पर रसूखदास अतिक्रमणकारियों द्वारा कब्जा किया गया है इसके बयानगी कई बार निगम अपने कार्रवाई में जता चुकी है। हालांकि आंशिक कार्रवाई का असर कम होता है वे फिर से आशियाना बना लेते है। जबकि कुछ पाश व मध्य क्षेत्र में लोगो ने नाली नाले में ही घर बना दिए है।जिसके चलते नाले का स्वरूप नाली के तर्ज पर हो गया।इसका नजारा संजय काम्प्लेक्स पैथु डबरी, बंगाली पारा, माल धक्का समेत अन्य इलाके में देखा जा सकता है।

इन वार्ड और मोहल्ले वासी हुए सबसे अधिक प्रभावित

रुक्मणि विहार कालोनी,पेठु डबरी, रेलवे अंडर ब्रिज, गोपी टाकीज मार्ग, रामलीला मैदान के सामने गणेश तालाब मार्ग के साथ अन्य स्थानों से भी इसी तरह की समस्या सामने आया है।इसी के साथ जिंदल रोड में भगवानपुर, मोदी नगर, गोरखा, फ्रेडन्स कालोनी, सिद्धि विनायक कालोनी, इंदिरा नगर, में जल भराव रहा जबकि रामभाठा नाला तथा ढिमरापुर, गोगा मंदिर नाला उफान पर रहा।

जिला अस्पताल में जलभराव, पेड़ उखड़ने से घंटो रही बिजली आपूर्ति बाधित

जिला अस्पताल में जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के चलते मुख्य द्वार रेड क्रॉस मेडिकल दुकान के आगे जल भराव होकर तालाब बन गया। मरीज़ो से लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा वार्ड आने जाने में दिक्कतो का सामना किए हैं।इसी तरह रात में आंधी तूफान के चलते एक न्यू ओपीडी के पास विशालकाय पेड़ धराशायी हो गया इससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई जबकि शेड व दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गया।

अमृत स्टेशन योजना ध्वस्त, आरपीएफ थाने के बाहर 2 फिट रहा पानी गाड़िया डूबी

एक तरफ भारत सरकार अमृत भारत स्टेशन योजना से रायगढ़ रेलवे स्टेशन का कायाकल्प 18 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से कर रही है। चूंकि समुचित जल निकासी नही होने से स्टेशन परिसर के सामने आरपीएफ थाने एवं पहले प्लेटफार्म के दूसरे छोर तक जलमग्न रहा। इंजीनियरिंग विभाग में पानी भर गया। करीब 2 से 3 फिट पानी नदी की तरह बहने लगी। पुलिस कर्मियों की गाड़िया डूबी रही। इससे यह तो स्पष्ट है जल जल निकासी नही होने पर आने वाले दिनों में इस योजना का बंटाधार होना तय है।

अंडरब्रिज में तेज बहाव, पानी बाजीराव पारा के घरों में किया प्रवेश

अंडर ब्रिज हर मौसम में स्थानीय लोगो के लिए जी- का- जंजाल बनकर उभरा है। नए ब्रिज की कल्पना किताबो और घोषणा में है।बारिश के चलते यहां जल भराव होकर नदी बहने लगी। धारा मानो अपने साथ हर वस्तु को बहाकर ले जाने में आतुर रही।यह बारिश का पानी दूसरे छोर बाजीराव पारा में प्रवेश कर गया। इसके पश्चात लोगो के घरों में। फिर निगम प्रशासन हरकत में आया । जहां निकासी के लिए जेसीबी चलाई और व्यवस्था को बनाए।

हर सिद्धि विनायक, मोदी नगर कालोनी जलमग्न, नही बनी कोई कारगर रणनीति

शहर में अधिकांश खेत खलिहान को काटकर प्लांट बनाते हुए कॉलोनी के रूप में विकसित किया गया है लेकिन कालोनाइजर जल निकासी समस्या को दुरुस्त करने के बजाय उसका स्वरूप से छेड़छाड़ कर छोटे रूप में मुनाफा कमाने के लिए लाकर रख दिए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण शहर में कई कालोनी में नजर आ रहा है यह स्थिति हर वर्ष वर्षा ऋतू मे कालोनी को जलमग्न कर देते है। जिसमें बोईरदादर रोड में हाउसिंग बोर्ड की मोदी नगर, इंदिरा नगर में सिद्धि विनायक एवं नव निर्माण कालोनी रायल ग्रीन छातामुड़ा कालोनी में रहा है। जिसे इस समस्या से निजात दिलाने कोई ठोस रणनीति नही बन पाई है।

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