रामपुर मार्ग में कंपनी प्रबंधन अवैध रूप से बड़े भू-भाग में कर रही है फ्लाइएश डंप, पर्यावरण के साथ स्थानीय लोग प्रभावित
ग्रामीण अंचल के बाद शहर मे भी राखड़ डंप कर खपाने का खेल आरंभ, जिम्मेदार विभाग को नही है भनकबारिश के पानी में बहकर कर रहा है जल हो रहा है दूषित,

हवा के साथ उड़ते डस्ट से घर के बाहर कपड़े सुखाना और बैठना भोजन करना मुसीबत,
रायगढ़। पर्यावरण विभाग के ढुलमुल रवैय्ये के साथ उद्योगों की मनमानी से जिले की आबोहवा बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। जिसमें फ्लाईऐश (राखड़) की डंपिंग पर्यावरण नियम मानकों के विपरीत की जा रही है। यह समस्या नासूर बन चुकी हैं। आलम यह है कि अब इसका असर शहर के अंदर ग्रीन बेल्ट क्षेत्र रामपुर वीआईपी बड़े पैमाने में राखड़ डंप किया जा रहा है। इसका असर स्थानीय लोगो के जनजीवन में पड़ रहा है। जिसमें हवा में उड़ते राखड़, और बारिश में पानी के साथ बहकर रिहायशी इलाके में काला प्रवेश करने से लोगो मे नाराजगी है।
उल्लेखनीय है की जिले में काबिज उद्योगों से निकलने वाले फ्लाई ऐश को उद्योग प्रबंधन पर्यावरण नियमों के विपरीत अस्त-व्यस्त तरीके से डालकर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे है। इस पुरे मामले में पर्यावरण अधिकारी की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है,राखड़ डंप करने वाले सम्बंधित उद्दोग लोकल ट्रांसपोर्टरों के माध्यम से आस-पास के क्षेत्रों में फ्लाई ऐश डंप करा रहे है,इसके लिए कोई भी मानक या नियम का पालन करना जरुरी नही समझा जा रहा है। ऐसा ही मामला अब शहर के अंदर रामपुर मार्ग में भी नजर आ रहा है। यहां एक बड़े भू भाग में राखड़ को ट्रेलर के माध्यम से डाला जा रहा है। मानो करीब अब तक 200 से अधिक वाहनो से राखड़ डंप कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक यह एक निजी प्लाट है। वही स्थानीय लोगो ने बताया कि यहां बैगेर किसी परमिशन के
राखड़ डाला जा रहा है इससे यह हवा के साथ उड़कर आ रहा है।जबकि वर्तमान में बारिश का पानी के साथ यह बहकर मोहल्ले में प्रवेश कर रहा है। यह जल को भी दूषित कर रहा है ।जिससे कई प्रकार की संक्रामक बीमारी फैलने का भी खतरा बना रहता है। जिससे प्रभावित क्षेत्र के मानव जीवन पर संकट खड़ा हो गया है । वही हवा चलने पर राखड़ लोगों के घरों के अलावे स्वांस के माध्यम से उनके शरीर में फ़ैल रहा है,और उन्हें बीमार बना रहा है। इधर
एनजीटी के नियमों का खुला उल्लंघन भी है। बहरहाल पर्यावरण विभाग के उदासीनता से यह कृत्य किया जा रहा है इससे स्थानीय लोगो में रोष है।
बारिश बढ़ाएगा स्थानीय लोगों की मुसीबत
राखड़ को यत्र- तत्र डंप कर दिए जाने से लोग जहां पहले से बहला है। अब बारिश में दिनों के दिनों में यह राखड़ पानी के माध्यम से सीधा स्थानीय मोहल्ले में प्रवेश करेगा।
इस समस्या को देखते हुए स्थानीय लोग चिंतित है। दूसरी तरफ पर्यावरण अधिकारी एवं कंपनी प्रबंधन पर नकेल कसने में संजीदा नही । यही वजह है कि आने वाले दिनों में लोगो की मुसीबत बढ़ना तय है। इसे लेकर लोगो मे भारी नाराजगी है।
राखड़ बनी है सबसे बड़ी चुनौती, पर्यावरण विभाग के प्रति नाराजगी
जिले भर के उद्योगों से निकलने वाले फ्लाईऐश पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक है उद्योग जगत से लेकर इस पर निगरानी करने वाले पर्यावरण विभाग एनजीटी के लिए भी चुनौती पेश कर रहा है। निष्पादित नही होने के चलते नियमों के विपरीत इधर -उधर, संरक्षित क्षेत्र में, जल जंगल मे डंप किया जा है। इसकी शिकायत भी एनजीटी तक हो रही है। समय- समय पर विभिन्न माध्यमों तथा आम लोगो से सम्बंधित विभाग को मिलती है। परंतु विडंबना यह है कि विभाग द्वारा कागजों में जांच पड़ताल कर खानापूर्ति कर देते है। इन सभी तथ्यों को लेकर लोग नाराजगी जाहिर करते है।
वर्जन
रामपुर में राखड़ डंप करने की शिकायत नही आई हैं। और न ही कोई वैधानिक परमिशन ली गईं है। इस पर जांच करवाता हूं और कार्रवाई भी की जाएगी।
अंकुर साहू, जिला पर्यावरण अधिकारी




