बैगेर अनुभव बलरामपुर के कंपनी ने लिया गोवर्धनपुर पुल स्लैब निर्माण का ठेका, पीडब्ल्यूडी ने किया निरस्त
विभाग कर रहा है री-टेंडर की तैयारी, बारिश में केलो नदी का बढ़ा जलस्तर बढाएगा आवाजाही में मुसीबत
विभागीय लेटलतीफी और उदासीनता से इस साल निर्माण पुरा होने का उम्मीद कम
फोटो 1,2,3 एप्रोच मार्ग में पुल में वाहनो की रेलमपेल 2 पुल 3 पुल के ऊपर से अभी तक नही हटाया गया अमृत मिशन की पाइप लाइन
रायगढ़।
बलरामपुर के ठेका कंपनी ने बैगेर अनुभव लिए
ढाई करोड की लागत से केलो नदी में बने गोवर्धनपुर पुल का ठेका हासिल किया था, जिसकी जांच के बाद पीडब्ल्यूडी सेतु विभाग ने अनुभव कम होने से ठेका निरस्त किया गया है। अब री-टेंडर की कवायद में विभाग जुट चुका है।इसका असर बरसात के दिनों में असर आमजन व भारी वाहनो के चालकों को परेशानियों के रूप में उठाना पड़ेगा।
गौरतलब हो कि रिंग रोड की तर्ज पर गोवर्धनपुर पुल से सीधे भारी वाहन शहर के ढिमरापुर पूर से दूसरे छोर बैगेर शहर प्रवेश कर आवागमन करती है। चूंकि 14 वर्ष पहले बनाये गए पुल के रख रखाव में उदासीनता बरती गई यही वजह रहा कि 50 साल चलने वाली पुल महज 10 साल में ही जर्जरता का दंश झेलना आरंभ कर दिया। वर्तमान में पुल क्षतिग्रस्त होने पर हादसे की आशंका को लेकर आवागमन को प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। स्लैब की गुणवत्ता जांच में नदारद मिला है। ऐसे में पुल के नीचे ही अस्थाई मिट्टी का पुल कम ऊंचाई से बनाया गया है।
इन परिस्थितियों के बाद शासन ने ढाई करोड़ की राशि तक स्वीकृत की है जिस पर स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी सेतु विभाग को प्राकल्लन तथा टेंडर की प्रक्रिया को पुरा की। चूंकि टेंडर में कुछ कंपनी ने दिलचस्पी दिखाई थी। ततपश्चात निविदा बलरामपुर के एक ठेकेदार को ठेका मिला था। ऐसे में जब पीडब्ल्यूडी ने पूरी कुंडली ठीक को खंगाला तो ऐसे निर्माण का उसके पास अनुभव नही होना पाया गया। जिस पर ठेका को विभाग ने निरस्त कर दिया । वहीं, अब फिर से री टेंडर की प्रक्रिया में विभाग आगे बढ़ रहा है। ऐसे में वर्ष 2025 के बजाए 2026 में पुल निर्माण होने की बात कही जा रही है। इधर मानसून आगमन होते ही केलो नदी का जलस्तर बढ़ने से अस्थाई मिट्टी से बने एप्रोच मार्ग डूबकर आवागमन बंद करेगा।
जिससे आसपास के गांव और एक छोर से दूसरे छोर का संपर्क इस मार्ग से कट जाएगा। वही उन्हें घूमकर आना जाना पड़ेगा। बहरहाल पुल के जीर्णोद्धार नही होने से यह आवागमन में परेशानी का सबब बनेगा।
भारी वाहनो का समय और डीजल दोनो होंगे अतिरिक्त व्यय
गोवर्धनपुर पुल भारी वाहनों के रेलमपेल आवागमन से यह क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके पुनर्निर्माण तक भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पुंजिपथरा से तमनार, हुकराडीपा चौक, धौराभाठा, हमीरपुर मार्ग तय किया गया था,वर्तमान में बारिश के दिनों में भी यही रास्ता फिर से मार्ग बंद होने के बाद वैकल्पिक तौर पर दिया जाएगा। यह करीब 60 से अधिक किलोमीटर का घुमावदार सड़क होगा। इससे डीजल और समय दोनो की बर्बादी होगी।इन परिस्थितियों से वाहन मालिक चिंतित है।
हल्की बारिश से नदी जलस्तर बढ़ते ही एप्रोच मार्ग भी होगा बंद
केलो नदी में कम उचाई से मिट्टी का पुल एप्रोच मार्ग के तौर पर बनाया गया है। यह वर्तमान में हुई बारिश के चलते ही मिट्टी कटाव से आवाजाही को जोखिम भरा बनाया है। इस बीच बारिश के चलते यह जलमग्न भी होना तय है।
इधर आवाजाही के लिए क्षतिग्रस्त पुल पर कलेक्टर ने प्रतिबंध लगाया है। ऐसे में स्थानीय लोगो का रामपुर तथा सर्किट हॉउस से सीधा कनेक्शन कट जाएगा। यआवागमन समस्या को उतपन्न करेगा।
वर्जन
स्लैब निर्माण के लिए निविदा निकाला गया था, जिसमें बलरामपुर के एक ठेका कंपनी को ठेका मिला था।जिसके पास अनुभव कम होने से ठेका निरस्त कर दिया गया है वर्तमान में री- टेंडर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है।
पुल के ऊपर से अमृत मिशन की पाइप लाइन व अन्य कार्य की जिम्मेदारी नगर निगम की है।
राजेश वर्मा,ई ई पीडब्ल्यूडी सेतु विभाग




