तमनार ब्लाक के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर से हुंकराडीपा चौक में किया आंदोलन
जिंदल कंपनी द्वारा गांव की मांगों को पूरा नही किये जाने के कारण किया जा रहा हड़ताल

रायगढ़। रायगढ़ जिले के तमनार ब्लाक के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार की सुबह एक बार फिर से हुंकराडीपा चैक में आंदोलन शुरू कर दिया। जिससे इस मार्ग में चलने वाले समस्त भारी वाहनों के पहिये पूरी तरह से थम गए और वाहनों की लंबी कतार लग गई है। मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक टीम की समझाईश के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक तमनार ब्लाक के अंतर्गत आने वाले नागरमुड़ा गांव के ग्रामीण अपनी समस्या और मांगों को लेकर एक लंबे अर्से से आंदोलन करते आ रहे हैं। इसी के तहत पहले से तय तिथि के अनुसार आज सुबह 10 बजे अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर गांव के ग्रामीणों ने कुंजेमुरा स्थित हुंकराडीपा चैक में आंदोलन शुरू कर दिया। जिससे इस मार्ग में चलने वाले भारी वाहनों के पहिये थम गए और सड़क के दोनों तरफ भारी वाहनों की लंबी कतार लग गई।
ग्रामीणों के आंदोलन की जानकारी मिलते ही पुलिस एवं प्रशासनीक टीम मौके पर पहंुची और ग्रामीणों को समझाते हुए आंदोलन समाप्त करने की बात कही गई। कई घंटे तक चले बातचीत के बाद ग्रामीणों ने फैसला किया कि उनका एक प्रतिनिधि मंडल जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात करके उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराते हुए मांग रखेगा। इस दौरान अगर उन्हंे उचित जवाब नही मिला तो वे फिर से अनिश्चिकालीन हड़ताल करने को बाध्य होंगे।
7 माह से चल रहा आंदोलन
नागरमुड़ा गांव की सरपंच भगवती राठिया ने बताया कि जिंदल कंपनी के द्वारा गांव की मांगों को पूरा नही किये जाने के कारण उनके द्वारा हड़ताल किया जा रहा है। जंगल कटाई से लेकर नौकरी की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। सात माह बीत जाने के बावजूद उनकी मांगों को पूरा नही किया जा सका है। ग्राम सभा प्रस्ताव के बगैर गांव में लगातार पेड़ कटाई किया जा रहा है।
एनजीटी नियमों का नही हो रहा पालन
जनपद सदस्य कन्हाई पटेल ने बताया कि कंपनी प्रबधन के द्वारा भू-अर्जन के तहत आसपास गांव के ग्रामीणों की जमीन लेकर भी उन्हें नौकरी नही दिया जा रहा है। कंपनी के द्वारा यहां एनजीटी नियमों का भी पालन नही किया जा रहा है। क्षेत्र में जिंदल जैसे बड़े कंपनी होनें के बावजूद न तो यहां के लोगों को मुफ्त में इलाज हो रहा है और न ही यहां के पढ़े लिखे युवाओं को कंपनी में रोजगार मिल रहा है।
क्या है 9 सूत्रीय मांग में
- तमनार क्षेत्र भारत के संविधान के अनुसार 5 वीं अनुसूची क्षेत्र है। जहाँ बिना ग्राम सभा के सहमति से जिंदल कम्पनी के लिए नागरामुडा एवं महाजेंको कंपनी के लिए मुडागाँव के जंगलों की कटाई गैर कानूनी एवं गैर संवैधानिक रूप से की जा रही है, जिसे तत्काल रोक लगाते हुए जंगल कटाई के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए।
- जंगल की कटाई को रोक लगाने जंगल को बचाने वाले ग्रामीणों के नाम पर इस्तगासा पेश कर ग्रामीणों को बाण्ड भरवाया जा रहा है, और ग्रामीणों के उपर दबाव बनाया जा रहा है। उस केश को तत्काल निरस्त किया जाए।
- एन जी टी के आदेशानुसार गाँव के 500 मीटर की दूरी माइन्स एवं 125 मीटर दूरी पर ग्रीन बेल्ट नहीं लगाया गया है, इसका तत्काल पालन कराया जाय ।
- माननीय एन जी टी के आदेशानुसार प्रभावित ग्रामों के प्रत्येक परिवारों को मुफ्त में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है। इस आदेश का तत्काल पालन किया जाय।
- कोयला खनन की लीज अवधि समाप्त हो गई थी जिसे केन्द्र सरकार के द्वारा उसका लीज अवधि पुनः बढ़ा दिया गया, उसे निरस्त कर पुनः ग्राम सभा की सहमति लेते हुए प्रभावित किसानों को मुआवजा का लाभ दिया जावे ।
- यह कि जिन किसानों का भू-अर्जन कर लिया गया और उनके परिवारों को अभी तक रोजगार नहीं दिया गया है उन्हे भू-अर्जन से लेकर अबतक की बेरोजगारी भत्ता देते हुए तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए।
- तमनार क्षेत्र में स्थापित पावर प्लॉट एवं कोयला खदान में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को स्थाई रोजगार प्रदान किया जाए।
- तमनार क्षेत्र में फ्लाईएश की वजह से पर्यावरण प्रदूषिण को रोकते हुए प्रदूषण फैलाने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों के उपर तत्काल कड़ी कार्यवाही की जाए।
- प्रधान मंत्री आवास योजना में स्वीकृत परिवारों को निर्माण कार्य के लिए अनुविभागीय अधिकारी घरघोडा के द्वारा रोक लगा दिया गया है, उसे तत्काल निरस्त किया जाय।




