बरसात से पूर्व नालों की सफाई अभियान की नही बन पाई कार्ययोजना, प्रशासनिक उदासीनता कही बन न जाए शहर वासियो के लिए आफत
बरसात के मौसम में बारिश के पानी से शहर के कई निचले मौहल्ले जलमग्न हो जाते है, जल भराव मंजर भयावह हो जाता हैं। इस समस्या को देखते हुए नगर निगम प्रशासन द्वारा नालों की सफाई अभियान चलाकर कराती है परंतु यह सफाई योजना इस वर्ष अब तक कागजो तक ही सिमटा हुआ नजर आ रहा है। आलम यह है मई माह आरंभ हो चुका है इसके बावजूद नाला सफाई अभियान और इससे जुड़े कार्ययोजना को बनाने में नगर निगम प्रशासन उदासीन रवैय्या अपनाए हुए है। इसका खामियाजा शहर वासियों को कही शहरी बाढ़ जैसे हालत से जूझने को मजबूर न कर दे।
बारिश के मौसम में शहर में जलभराव की समस्या से छुटकारा दिलाने निगम के जनप्रतिनिधियों ने बारिश शुरू होने से पहले ही नालों की सफाई पर जोर देती आई हैं। बीते तीन सालों में तेज बारिश के कारण जलभराव से नालों के किनारे स्थित मोहल्लों के मकान ढह गए थे। आधा दर्जन मोहल्लों के घरों में कमर तक पानी घुस गया था। निगम प्रशासन इन स्थितियों से निपटने के लिए कई तरह प्रयास करता रहा। विदित हो कि शहर के स्टेशन के पीछे स्टेशन परिसर, गुजराती पारा, रेलवे कॉलोनी, मोदी नगर, चिरंजीव दास नगर, बैकुंठपुर, बाजीराव पारा में अधिक समस्याओं को बरसात में नाले के पानी से बाढ़ जैसे हालात से सामना करना पड़ा था। जल भराव के कारण लोगों को काफी नुकसान और परेशान होना पड़ता है। इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अप्रैल माह में नगर निगम प्रशासन शहर सरकार के अलावा विपक्ष से बैठक कर रायकुमारी करने के बाद छोटे बड़े नालों-ना लियों की सफाई को करवाती है ताकि बाढ़ की स्थिति को उत्पन्न ना कर पाए। चूंकि अप्रैल माह बीत चुका है मई माह आरंभ है जून मध्य में बारिश आगमन हो जाएगी ऐसे में इस सफाई अभियान की दिशा में शहर सरकार निगम प्रशासन की उदासीनता शहर वासियों के लिए मुसीबत बन सकती है। इससे इंकार नही किया जा सकता हैं।
सफाई में हिल हवाला तो बढ़ेगी इन इलाके आएगी बाढ़
शहर के गुजरातीपारा, रेलवे कालोनी व मालधक्का वाला एरिया पैठू डबरी के कारण प्रभावित होता है। लक्ष्मीपुर वाले नाले के कारण कार्मेल स्कूल के नजदीकी घरों में पानी घुसता है। भुजबंधान तालाब व डबरी के कारण धांगरडीपा, बावली कुआं रामभाठा के अलावा मोदी नगर जैसे निचले मोहल्लों में भी हर बार लोगों को जल भराव का सामना करना पड़ता है।
शहर इन 12 बड़े नालों की सफाई अतिआवश्यक
शहर में बारिश का पानी जाम होकर कई नाला ओवर फलो हो जाती है जिसमें भगवानपुर नाला, ईशा नगर नाला, दीनदयाल नाला, आशीर्वाद नगर नाला, इंदिरानगर नाला, जोगी पारा नाला, चांदनी चौक नाला, रामभाठा नाला, बापूनगर नाला, मोदीनगर नाला, मौदहापारा नाला, चिरंजीव दास नगर स्थित बड़े नालों की सफाई बेहद जरूरी है। इनके आसपास के इलाकों में बारिश के दिनों में जलभराव का संकट सबसे ज्यादा होता है। जहां हर वर्ष बारिश के पानी से मौहल्ला तालाब बन जाता है।
तालाब का जलकुंभी मचाएगा तांडव

शहर के मध्य बूढ़ी माई मंदिर व अन्य कुछ तालाब की स्थिति काफी दयनीय है। तालाब में पानी के बजाय चारों ओर जलकुंभी भरा हुआ है। यह जलकुंभी बारिश के पानी के साथ नाली नालों में प्रवाहित होता है। कुछ तालाब का पानी नाले माध्यम से नदी में मिलता है। जिसमें बूढ़ी माई मन्दिर का करबला तालाब जो शहर के गुजराती पारा स्टेशन चौक दरोगापारा पारा के नाले को जाम कर देता है।
इससे हर वर्ष इन नालों के आसपास वाले रिहायशी इलाके में जल भराव की स्थिति रहती है। यह स्थिति विगत एक दशक से बन रही है।इसकी दूसरी वजह अतिक्रमण भी हैं।
नालों पर अतिक्रमण निगम मूकदर्शक
शहर में भूमाफिया के चंगुल में जहां बेशकीमती जमीन है वही दूसरी ओर कुछ अतिक्रमण कारी लोग नाले को पाट कर नाले के स्वरूप को नाली बना दिये है ।आलम यह है कि यह नाला बारिश के मौसम में जाम होकर अतिक्रमणकरियो के साथ अन्य मोहल्ले वासियो के घरों में पानी भर जाता है। इससे अतिक्रमण कारियो के अतिक्रमण का खामियाजा मोहल्ले के आम नागरिक को उठाना पड़ता है। इन सभी तथ्यों से निगम अमला भी भलि भांति अवगत है लेकिन कार्रवाई करने से बचती है ।
वर्जन
शहर में वर्तमान में नालियों की सफाई नियमित चल रही है। जल्द ही जिंदल से पोकलेन मशीन आ जाएगी और सफाई नालों की होना आरंभ हो जाएगा।
शिव कुमार यादव, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रभारी नगर निगम




