गोवर्धनपुर एप्रोच पुलिया कम ऊंचाई से बना घाट, गाड़िया हो रही है ब्रेक डाउन प्रशासनिक अमला मरम्मत को लेकर उदासीन
ब्रेक डाउन गाड़ियों के चलते वाहनो की लग रही है कतार, मालिक और चालक भी परेशान
रायगढ़।
केलो नदी में गोवर्धनपुर पुल जर्जर होने पर आवागमन प्रतिबंधित किया गया है। जीर्णोद्धार के लिए राशि स्वीकृत होने के बावजूद भी अमृत मिशन पाइपलाइन को हटाने के लिए प्रशासनिक दिलचस्पी उदासीन है। इससे छोट तथा कम ऊंचाई का बनाया गया एप्रोच पुलिया अब हल्की बारिश से वाहन मालिकों से लेकर चालकों के लिए परेशानियों का सबक बन चुका है।आलम यह है कि पुल की मिट्टी धसने लगी है और हाइट कम होने से घाट में गाड़िया ब्रेकडाउन होकर फस रही है। जिससे आवागमन दोनों और से प्रभावित हो रहा है और दुर्घटनाओं का सबब भी बन रहा है।
गौरतलब हो कि रिंग रोड की तर्ज पर भारी वाहनो को शहर में बैगेर प्रवेश किए पुल पुलिया और सड़क निर्माण किया गया था। जिसमें गोवर्धनपुर तथा बोदाटिकरा पुल को केलो नदी में बनाया गया था, यह एक तरह से मानक के तौर पर रहा है। वही गोवर्धनपुर पुल से सीधे भारी वाहन शहर के ढिमरापुर पूर से दूसरे छोर बैगेर शहर प्रवेश कर आवागमन करती है। चूंकि 14 वर्ष पहले बनाये गए पुल के रख रखाव में उदासीनता बरती गई यही वजह रहा कि 50 साल चलने वाली पुल महज 10 साल में ही जर्जरता का दंश झेलना आरंभ कर दिया। वर्तमान में पुल क्षतिग्रस्त होने पर हादसे की आशंका को लेकर आवागमन को प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। और पुल के नीचे ही अस्थाई मिट्टी का पुल कम ऊंचाई से बनाया गया है। वही बीते दिन बारिश होने से उक्त पुल की मिट्टी कटाव हो गई। फिसलन बढ़ गया। बड़े बड़े बोल्डर निकल गए है। वहीं घाट में वाहन में वाहन ब्रेक डाउन होकर फंस रहे है।इससे दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी है। यहां यह बताया जाना लाजमी होगा कि उक्त पुल के लिए राशि भी स्वीकृत किया गया है और निर्माण को जल्द से जल्द आरंभ करने का निर्देश भी दी गई। चूंकि पुल पर अमृत मिशन की पाइप लाइन गई है। यह रोड़ा बना है जिसे 4 माह बाद भी हटाया नही जा सका है। बहरहाल प्रशासन की उदासीनता से भारी वाहन चालकों के साथ वाहन मालिकों में इस कार्यशैली से काफी रोष है।

छोटे वाहन बेरिकेड के बावजूद बेख़ौफ़ नकर रहे हस पुल से आवाजाही
पुल पर से आवागमन को रोकने के लिए प्रशासन ने पहले लोहे का एंगल लगाया था। जिसे भी चोरो ने चोरी कर ले गए। इसके बाद ढलाई कर कालम की तर्ज पर पिल्हर बनाया गया है। विडंबना यह है कि इसके उपरांत भी छोटे वाहन जर्जर घोषित पुल से आवागमन कर रहे हैं इसकी वजह केवल एप्रोच पुल का खस्ताहाल बोल्डर निकला होना है। एक तरह यह छोटे वाहन धारियों की लापरवाही को दर्शा रही है।
बरसात बढ़ाएगा वाहन मालिको की मुसीबत, शहर में बढेगा दबाव
माह भर में बारिश आरंभ हो जाएगा इससे मिट्टी से बनाए गए अप्रोच पुल में आवागमन करना मुसीबत से कम नही होगा। देखा जाए तो वर्तमान में यहां यही हाल है ।इससे बारिश से मिट्टी की हालत को अंदाजा लगाना ही भयावह होगा। इसका असर वाहन मालिकों में पड़ेगा। वही शहर में रात के अंधेरे में सांठगांठ कर आवाजाही भी होना आरंभ होगा, जो सड़क एवं शहर में यातायात दबाव को बढ़ा कर रखेगा।
वर्जन
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बरसात से पहले सभी निर्माण कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बावजूद नगर निगम और जिला प्रशासन पीडब्ल्यूडी अपने ही ढ़र्रे में चलते हुए गोवर्धनपुर निर्माण की भुला दिए है। इसका असर हम ट्रांसपोर्टरों को उठाना पड़ेगा, अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ेगा।

रिंकू सिंह, ट्रांसपोर्टर
वर्जन
हमारे द्वारा पुल मरम्मत के लिए करीब माह भर पहले ही आवेदन दिए है। मरम्मत के आड़े पुल के स्लैब पर अमृत मिशन पाइप लाइन है जिसे हटाया नही गया है। इसके चलते अस्थाई मिट्टी का अप्रोच रोड बारिश में बह जाएगा और आवागमन प्रभावित करेगा।

संतोष सिंह, ट्रांसपोर्टर
रायगढ़ ट्रेलर कल्याण संघ के बैनर तले मार्च माह में आवेदन दिया गया है इससे पहले प्रशासन ने पुल को लेकर राशि स्वीकृत कर निरीक्षण भी कर चुके है उसके बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नही कर रही है यह समझ से परे है। विभाग में जमकर मानमनी चल रही है।

मनोज यादव, ट्रांसपोर्टर




