डीएमएफ से रायगढ़ का भर रहा खजाना, विकास के लिए नए मुकाम की उड़ान
देश भर के 33 जिलों में रायगढ़ को मिले 75.30 करोड,
कोरबा देश मे दूसरा सबसे अधिक राशि वाला जिला

जनकर्म एक्सक्लूसिव खबर
रायगढ़ ।देश के 33 जिलों को जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) की राशि मिल रही है। वर्ष 2023-24 के लिए प्रदान की गई राशि पर नजर डालें तो मध्य प्रदेश का सिंगरौली पहले, छत्तीसगढ़ का कोरबा दूसरे और झारखंड का धनबाद, तीसरे स्थान पर है। जबकि चौथे नंबर में रायगढ़ है। सिंगरौली को सबसे अधिक 706.29 रुपये, कोरबा को 694.58 और धनबाद को 552.54, रायगढ़ को 75.30 करोड़ प्राप्त हुए हैं।
खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास के साथ उद्देश्य से केंद्र सरकार ने डीएमएफ की शुरूआत की है। वर्ष 2015 में गठन किया गया है। छत्तीसगढ़ के कई जिले को इस फंड से राशि मिल रही है। यहां साऊथ ईस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) में देश की सबसे बड़ी एसईसीएल छाल, बरौद, जामपाली जैसे मेगा प्रोजेक्ट संचालित है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में एसईसीएल ने 1873.80 लाख टन कोयले का उत्पादन किया। इसके एवज में राज्य के खनिज विभाग को करोडों रुपये का राजस्व मिला। डीएमएफ के लिए 10 से 30 प्रतिशत की टैरिफ तैयार की गई है। वही देश भर के 33 जिले के आंकलन किए जाने के बाद अलग अलग जिले में करोड़ों रुपये की राशि दी गई है।इसमें रायगढ़ को 75.30 ,करोड़ रुपये की राशि मिली है। रायगढ़ जिले को मिली यह राशि देश के टॉप 15 जिले की लिस्ट में शुमार है।
अब नहीं बंटेगी सीमावर्ती जिलों को राशि
पहले जिले को मिलने वाली राशि से 20 से 40 प्रतिशत तक जांजगीर-चांपा बिलासपुर, मुंगेली व सक्ती जिलों को विकास कार्य के लिए प्रदान किया जाता था। नियम में संशोधन के बाद केवल प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र के लिए खर्च किए जाने प्रवधान था। चुकी अब इस पर भ्रष्टाचार की वजह से केंद्र सरकार बदलाव नियमों में कर दिया है।
खनिज न्यास निधि से किसे टॉप टेन जिला
राज्य जिला – राशि (करोड़ मे)
सिंगरौली-706.29
कोरबा 694.58
धनबाद -552.54
अंगुल-521.98
चंद्रपुर 274.67
चतरा 203.70
नागपुर 205.16
सुंदरगढ़ 228.46
यवतमाल 181.97
सोनभद्र 180.34
झारसुगुड़ा179.41
बकारो 157.04
लातेहार 96.51
हजारी बाग 85.70
रामगढ़ 84.11
गोड्डा 76.46
रायगढ़ 75.30
20 किलोमीटर दायरे में अप्रत्यक्ष रूप से खर्च करने का नियम
उक्त राशि से खनन प्रभावित 15 किलोमीटर व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित 20 किलोमीटर के क्षेत्र में ही खर्च किए जाने प्रवधान है। इस पर अमल करने प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र का सर्वे करा गांव चिंहित किए हैं, जहां आधारभूत संरचना तैयार करने के साथ ही मूलभूत सुविधाएंइस मद से हुए ये बड़े कार्य हुए हैं।
घोटाले पर लगाम लगाने केंद्र सरकार ने की है नई व्यवस्था
छत्तीसगढ़ समेत कुछ राज्यों में इस राशि के उपयोग में गड़बड़ी के मामले आने के बाद केंद्र सरकार ने हाल ही में नियम में संशोधन की है। इसमे डीएमएफ की राशि प्रत्यक्ष रूप जाएंगे। पहले से शासी परिषद की व्यवस्था की गई है। समिति के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर हैं। है। क्षेत्र के सांसद, विधायक व पंचायत जनप्रतिनिधियों को सदस्य बनाया गया है। उनकी उपस्थिति में हुई बैठक में विकास कार्यों का प्रस्ताव बनाया जाता है।




