*सिर्फ 13 दिन में ही मिले डेंगू के 140 मरीज, अब कुल मरीजों की संख्या हुई 230*
*बारिश का हवाला देकर निगम प्रशासन न तो कर रहा दवा का छिडक़ाव न चला रहा फागिंग मशीन*
रायगढ़। माह के सिर्फ 13 दिन में शहर में डेंगू के 140 मरीज मिले हैं। जिससे शहरवासी दहशत में हैं। अब तक की बात करें तो कुल 230 लोगों का एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आ रहा है। शहर में बढ़ते डेंगू को देखते हुए भी निगम प्रशासन बारिश का हवाला देकर न तो दवा का छिडक़ाव कर रहा है और न ही फागिंग मशीन चला रहा है। जिससे दिनों दिन मच्छरों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
हर साल की तरह इस साल भी सरकारी तंत्र पर डेंगू मच्छर हावी होता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा डेंगू को नियंत्रण करने सिर्फ कार्ययोजना ही बनाई जा रही है, धरातल में कुछ खास काम नजर नहीं आ रहा है। यह हम नहीं बल्कि शहरवासी मौखिक व सोशल मीडिया के माध्यम से कह रहे हैं। साल के शुरुआती तीन माह अप्रैल, मई, जून व 4 जुलाई तक शहर में डेंगू के 58 केस सामने आए थे। इसके बाद 5 से 18 जुलाई तक 14 दिन में शहर से फिर 32 लोगों की डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं 19 से 31 जुलाई तक 13 दिन में 140 लोगों को डेंगू मच्छर ने शिकार बनाया। मतलब 13 दिनों में अचानक से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस अब अब तक की स्थिति में पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ कर 230 हो गई है। इधर डेंगू लगातार पिक पकड़ते जा रहा है और जिम्मेदार इसे नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं। नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की मानें तो वर्तमान में उनके पास 10 फागिंग मशीन हैं और 30 लीटर टेमीफॉस दवा भी जोकि काफी है, लेकिन इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बारिश में नालियों व जाम पानियों के आसपास पाउडर (दवा) छिडक़ने, लिक्वड डालने से वह पानी में बह जा रहा है। इसी तरह फागिंग मशीन चलाने से भी धुआं पूरी तरह फैल नहीं पा रहा है। जिससे दवाओं की बर्बादी होगी, इसलिए अभी दवाओं व संसाधनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। जबकि लोगों की मानें तो बारिश अभी के ही कुछ दिनों में हो रही है और डेंगू मच्छर बीते कई माह से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, इस तरह नगर निगम प्रशासन द्वारा अनर्गल बयानबाजी कर अपने जिम्मेदारियों से भागा जा रहा है।
*शहर के ये क्षेत्र हैं डेंगू हॉटस्पॉट जोन*
शहर के सांगीतराई, पतरापाली के बाद अब अब शहर के रिहायशी क्षेत्रों को भी मच्छरों ने हॉटस्पॉट जोन बना दिया है। जिसमें जूना बड़पारा, ढिमरापुर, लालटंकी, केवड़ाबाड़ी, गौरीशंकर मंदिर रोड, पैलेश रोड, गौशालापारा व रामगुड़ीपारा शामिल है। इनमें से अधिकांश क्षेत्र ऐसे हैं जो हर साल हॉटस्पॉट जोन की श्रेणी में आते हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी बारिश से पूर्व इन क्षेत्रों में डेंगू नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते।
*गिने चुने वार्डों में पहुंच रही टीम*
नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि उनकी संयुक्त टीम वार्डों में लोगों के घर सर्वे करने पहुंच रही है, जबकि असलीयत में यह अभियान सिर्फ एक दिखावा ही नजर आ रहा है। क्योंकि टीम द्वारा गिने-चुने वार्डों के कुछ मोहल्लों में ही पहुंच कर अपने कर्तव्यों से इतीश्री कर ली जा रही है। आज भी नगर निगम क्षेत्र के ऐसे कई वार्ड हैं जहां यह संयुक्त टीम पहुंची ही नहीं और न ही लोगों को इसकी जानकारी है।
*न लोग हो रहे जागरूक न निगम हो रहा गंभीर*
शहर में जगह-जगह फैली गंदगी, कचरों के ढेर से मक्खियां, मच्छर पनप रहे हैं। इस दिशा में निगम के सफाई व्यवस्था की पोल खुल कर सामने आ रही है। यह जानते हुए भी कि शहर में अभी डेंगू, डायरिया जैसी बीमारी फैल रही है बावजूद इसके लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं खुद ही गंदगी फैला रहे हैं। शहर के पोस्ट ऑफिस के पीछे, गांधी गंज, मालधक्का स्टेशन रोड, अशर्फी देवी महिला चिकित्सालय के सामने, बोईरादादर रोड इसके जीते-जागते उदाहरण हैं। इतना ही नहीं मोदी नगर के प्रवेश मार्ग में करीब 200 मीटर के हिस्से को स्थानीय लोगों ने कचरा डंपिंग यार्ड बना दिया है। सडक़ के नीचे कचरों के अंबार में बारिश का साफ पानी भी जाम हो रहा है, जिससे डेंगू होना लाजिमी है। ऐसे लोगों पर न तो निगम प्रशासन कड़ाई बरता रहा है और ही इन कचरों की नियमित सफाई हो रही है। जिससे नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग व महिला बाल विकास विभाग द्वारा डेंगू को लेकर चलाए गए विशेष अभियान का कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा है।
*वर्सन*
अपने पास 10 फागिंग मशीन और दवा भी पर्याप्त है। चूंकि अभी बारिश हो रही है ऐसे में दवा का छिडक़ाव नहीं किया जा रहा है। क्योंकि बारिश में दवा बह जाएगा। इसी तरह बारिश में धुआं भी पूरी तरह नहीं फैल पाता जिससे फागिंग मशीन भी नहीं चलाया जा रहा है। आसमान साफ रहने पर निगम द्वारा यह सारे काम किए जा रहे हैं।
*रमेश तांती, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम*