Monday, October 13, 2025
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भीषण गर्मी के बावजूद विस्फोटक व ज्वलनशील सामाग्रियों वाले उद्योगों की सुरक्षा जांच नदारद

औद्योगिक पावर हब रायगढ़ जिले में बेमेतरा हादसे के बाद भी सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार नही है अधिकारी

श्रम मंत्री लखन लाल के श्रमिक हित प्रहरी के रूप में दिए गए आवश्यक दिशा निर्देशों का अव्हेलना

रायगढ़।
वर्तमान मे जिले में भीषण गर्मी पड़ रही है। जिसमें बेमेतरा कांड ज्वलंत हैं, ऐसे में हादसे पर लगाम तथा बचाव के लिए प्रदेश के उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल ने विस्फोटक व ज्वलनशील सामाग्रियों वाले उद्योगों की विशेष सुरक्षा की जांच करने का निर्देश दिए है।चूंकि रायगढ़ जिला औद्योगिक जिले के रुप मे जाना पहचाना जाता है। इसके बावजूद औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग द्वारा उद्योगों में सुरक्षा मापदंड सुनिश्चित कर जानलेवा हादसों में कमी लाने के लिए कोई महती भूमिका अदा करता नजर नही आ रहा है। मानो एक तरह से केबिनेट मंत्री के आदेश का अव्हेलना करते हुए लोगो जीवन से समझौता कर रहे है।

गौरतलब हो नवतपा की गर्मी के चलते शाट सर्किट की वजह से ट्रांसफार्मर से लेकर घर, दुकान गोदाम में आगजनी की घटना घटित हो रही है। जिन्हें रोकने व बचाव के पर्याप्त इंतजाम की व्यवस्था अमुमन सभी संस्थान तथा छोटे बड़े उद्योग में नदारद है। इस क्रम में बीते दिन प्रदेश की सबसे बड़ी बारूद फैक्ट्री में धमाका हुआ हुआ है जिससे आग लग गई है। एक मौत की पुष्टि हुई है और 6 से घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वही इस हादसे में श्रम मंत्री तथा सीएम ने भी दुःख जताते हुए कई निर्देश दिए है।जिसमें उन्होंने इंडस्ट्रियल सेफ्टी ट्रेनिंग का आयोजन किसी मान्यता प्राप्त एजेंसी द्वारा करवाना व उसकी रिपोर्ट विभाग को प्रदाय करना, जिसकी मासिक और वार्षिक समीक्षा हो। थर्ड पार्टी सेफ्टी आडिट एजेंसी की मान्यता को पुनः निर्धारित करना। उद्योग जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री का प्रयोग या उत्पादन करते हों, ऐसे सभी उद्योगों का विशेष सुरक्षा जांच व समीक्षा की जाए। मंत्री लखन लाल देवांगन ने श्रम विभाग के सचिव से कहा है कि किसी भी उद्योग में श्रमिकों से आठ घंटे से अधिक काम नहीं लिया जाए। विधानसभा के बीते सत्र में कई विधायकों द्वारा लाए गए संज्ञान का उल्लेख करते हुए की उद्योगों द्वारा श्रम कानून का पालन न करते हुए मनमाने ढंग से श्रमिकों से 12 घंटे से अधिक समय तक कार्य लिया जा रहा है। इस पर अधिकारियों को तत्काल श्रम कानूनों का पालन कराने के निर्देशित किया गया है। फिलहाल उद्योग तथा ज्वलनशील उद्योगों में सुरक्षा जांच करना मुनासिब नही समझ रहे हैं । वहीं गाहे बगाहे आगजनी की गंभीर घटना होने पर जवाबदेही किसकी होगी यह यक्ष का सवाल बना हुआ हैं।

क्रेशर उद्योग में भी रहता है भारी मात्रा में बारूद

उद्योगों में सुरक्षा सर्वोपरि भाव के साथ सेफ्टी उपायों पर जोर देने पर गंभीरता जताई श्रम मंत्री देवांगन ने हादसे के बाद जताया है । इसके अलावा इन हाथों को लेकर जांच के भी नहीं दे दिए हैं दूसरी बार देखा जाए तो क्रेशर तथा अन्य उद्योग में विभिन्न प्रयोजन के लिए भारी मात्रा में बारूद का ढेर रहता है हालांकि इसका उपयोग खदान में विस्फोटक के रूप में किया जाता हैं। गाहे बगाहे अवैधानिक तरीके से लाने पर पुलिस जांच में पकड़ाया भी हैं। ऐसे में इसकी सुरक्षा को लेकर जांच नितांत आवश्यक है किंतु अधिकारी इस दिशा में मूकदर्शक हैं।

पूंजीपथरा औद्योगिक पार्क शहर के इंडस्ट्रियल एरिया जांच जरूरी

शहर से 18 किलोमीटर दूर पूंजीपथरा औद्योगिक पार्क है। इसके अलावा शहर में बोईरदादर इलाके में इंडस्ट्रियल एरिया हैं यहां पूंजीपथरा की तुलना में छोटे गृह उद्योग है। जबकि पूंजीपथरा में बड़े बड़े प्लांट का संचालन होता हैं जिसमें विभिन्न हादसे में आए दिन मजदूरों की जान जा रही है इन सभी के बीच यहां आगज़नी सुरक्षा जांच जरूरी है ताकि मजदूरो को आपातकाल हादसे से दूर रखा जा सके।

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