वाटर लेवल डाउन होते ही निगम के दावे फैल
रायगढ़. अमृत मिशन सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस मिशन के तहत घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने का उद्देश्य है। लेकिन शहर में करोड़ों रुपए फूंके जाने के बाद भी निगम का 2 घंटे पानी आपूर्ति का दावा महज कागजों तक ही सीमित हो जाता है। धरातल पर सच्चाई देखी जाए तो शहर की लगभग आधी आबादी को कहीं आधा घंटा तो कहीं 20 मिनट ही पानी मिल पाता है। शहर में कई ऐसे भी क्षेत्र है, जहां बीते कुछ दिनों में पानी की एक बूंद भी अमृत मिशन के तहत बिछाई गई पाइप लाइनों से नहीं आ रहा है, कुछ जगहों पर पानी आ भी रहा है तो पाइपलाइन से पानी की पतली धारा निकल रही है। जिससे लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।
योजना के लिए 164 करोड़ रुपये की मिली थी मंजूरी
नगर निगम क्षेत्र के 40 वार्डों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए बीते वर्ष 2016 में अमृत मिशन योजना की शुरुआत की गई थी। मिशन के तहत शहर में जल आपूर्ति के लिए 315 किलोमीटर की पाइपलाइन बिछाई जानी थी। साथ ही केलो नदी में एक स्टॉप डेम बनाकर वाटर फिल्टर प्लांट भी बनाया जाना था और पानी की 7 टंकियां बनाकर शहर में जल आपूर्ति करने का उद्देश्य रखा गया था। केंद्र सरकार द्वारा 164 करोड़ रुपए की राशि आवंटित कर 3 साल के अंदर काम पूरा करने का लक्ष्य भी दिया गया। लेकिन कोरोना कल के समय योजना भटक गई, और काम पूरा नहीं हुआ। लेकिन कांग्रेस की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों वर्ष 2022 में नगर निगम में 28 हजार घरों में कनेक्शन देकर योजना पूर्ण करने का दावा किया और प्रोजेक्ट का लोकार्पण भी कर दिया।
बोरवेल निकालने से बढ़ी शहर में पानी की परेशानी
हर समय हर घर पानी पहुंचाने के लिए बनाई गई अमृत मिशन योजना शहर में फ्लॉप है। 24 घंटे पानी हर घरों तक पहुंचाने की बात कह कर अमृत मिशन के तहत नई सड़कों को खोद-खोद कर पाइपलाइन बिछाई गई। लेकिन आज पर्यंत तक 1-2 वार्डो को छोड़ दिया जाए तो सभी वार्डों में अमृत मिशन का अमृत सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है। साथ ही पाइपलाइन बिछने के बाद शहर के अधिकतर जगहों से बोरवेल भी निकाल दिए गए हैं,तो वहीं कई जगहों पर बोरवेल मरम्मत के अभाव में बिगड़ा पड़ा हुआ है। जिससे पानी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। अमृत मिशन योजना से शहर वासियों के प्यास नहीं बुझ रही है, जिससे अब इस योजना को विश योजना कहा जाए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
पाइप डालने के बाद बढ़ गई समस्या
वार्ड क्रमांक 34 में रहने वाले लोगों की माने तो पिछले दिनों नगर निगम के द्वारा अमृत मिशन के तहत पानी आपूर्ति करने के लिए यहां पाइप लाइन का विस्तार किया गया है, तब से यहां पानी की समस्या और भी बढ़ गई है। पाइप लाइन विस्तार के पहले जो जल आपूर्ति हो रही थी अब वह भी नहीं हो पा रही है। इससे लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
इन क्षेत्रों में पानी की ज्यादा किल्लत
शहर में पानी की सबसे ज्यादा परेशानी जूटमिल क्षेत्र में है। सराइभदर इलाके में बोरवेल नहीं है, तो वहीं क्षेत्र का हैंडपंप भी इन दोनों खराब हो गया है। आचार संहिता की वजह से नए बोरवेल की खुदाई भी नहीं की जा रही है। जुटमिल क्षेत्र के अलावा गौशाला, बैकुंठपुर, कोतरा रोड क्षेत्र के निवासी भी भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं।
पूरी नहीं भर रही पानी की टंकियां
अमृत मिशन के तहत बिछाई गई पाइप लाइनों से जुड़ी टंकियां पूर्ण रूप से नहीं भर पा रही है। वाटर लेवल डाउन होने और बिजली की कटौती की वजह से यह दिक्कत आ रही है। जिस वजह से अमृत मिशन के तहत बिछाई गई पाइप लाइनों में पानी का फोर्स कम हो रहा है।
पेयजल आपूर्ति के लिए भाजपा नेताओं ने की कमिश्नर से चर्चा
शहर का 48 वार्डों में पर्याप्त मात्रा में पानी आपूर्ति के लिए भाजपा नेताओं ने कमिश्नर से चर्चा की है। उनके द्वारा पानी की समस्या बतलाते हुए सुबह 6 से 8:00 बजे और शाम को 4:00 से 5:00 बजे तक शहर में पानी की पर्याप्त सप्लाई करने की बात रखी गई है। वहीं जिन क्षेत्रों में अमृत मिशन के तहत पाइपलाइन नहीं बिछी है, उन जगहों पर जल्द से जल्द पाइपलाइन बिछाए जाने की मांग की गई है। जिस पर निगम आयुक्त नाम भाजपा नेताओं को आश्वासन देते हुए कहा है कि पानी सप्लाई की समय सीमा बढ़ाई जाएगी, वहीं जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या आ रही है वहां बोरवेल सुधारे जाएंगे।
पाइपलाइन फटने से नाली में बह रहा पानी
रेलवे स्टेशन क्षेत्र के साइकिल स्टैंड के पास सड़क की खुदाई की गई है। जहां खुदाई के दौरान सड़क के नीचे का पाइप फट गया है, जिससे कई लीटर पानी बेफिजूल बह कर नाली में जा रहा है। एक ओर शहर वासी पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर बेफिजूल बह रहे पानी पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
क्या कहते है निगमकर्मी
शहर में सुबह औसतन 1 घंटे पानी की सप्लाई दी जा रही है, वही शाम के वक्त भी एक-डेढ़ घंटे पानी सप्लाई हो रही है। गर्मी का दिन होने के कारण वाटर लेवल नीचे चला गया है,जिससे बोरवेल 1 घंटे से ज्यादा पानी नहीं दे रहे हैं। लेकिन लोगों को तीन-चार घंटे बोरवेल से पानी लेने की आदत है, जिससे उनको दिक्कत हो रही है।
सूरज देवांगन, सहायक अभियंता जल विभाग