*प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़क बनी मौत का जाल — घरघोड़ा रेंगालबाहरी से सराईडीपा होते हुए तमनार मार्ग की दुर्दशा, हर दिन खतरे में जान*
घरघोड़ा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनी घरघोड़ा-रेंगालबाहरी–सराईडीपा–तमनार मुख्य मार्ग आज पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे, कीचड़ और पानी के जमाव के कारण यह रास्ता अब ग्रामीणों के लिए परेशानी नहीं बल्कि दुर्घटना का जाल बन गया है।
इस सड़क से रोजाना सैकड़ों लोग, छात्र-छात्राएं और किसान गुजरते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों को रोज साइकिल से गुजरना पड़ता है, लेकिन जगह-जगह बने गड्ढों में फिसलने का डर बना रहता है। बरसात के दिनों में तो यह सड़क किसी तालाब जैसी दिखती है, जिससे लोगों का आना-जाना और भी मुश्किल हो गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग से बड़ी-बड़ी कंपनियों के भारी वाहन रोज गुजरते हैं, जिससे सड़क का डामर पूरी तरह उखड़ गया है। लगातार भारी वाहनों की आवाजाही ने सड़क की हालत और भी बिगाड़ दी है। अब स्थिति यह है कि सड़क का अस्तित्व ही मिट गया है और वाहन चालकों को जोखिम उठाकर गुजरना पड़ रहा है।
लोगों का कहना है कि यह क्षेत्र आदिवासी बहुल इलाका है, लेकिन विधायक और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस सड़क पर नहीं है। जबकि यह मार्ग आसपास के कई गांवों — रेंगालबाहरी, सराईडीपा, गोराघाट, कोलमकेला और तमनार तक को जोड़ता है। इस मार्ग से घरघोड़ा और तमनार के बीच आवागमन करने वाले लोगों के लिए यह मुख्य जीवनरेखा है।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि कई बार सड़क मरम्मत की मांग की जा चुकी है, लेकिन आज तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। अब लोग कह रहे हैं कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह सड़क किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से तत्काल सड़क की मरम्मत कराने की जोरदार मांग की है। साथ ही कहा है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण सड़क सुधार आंदोलन शुरू करने पर विवश होंगे।
“यह सड़क हमारे जीवन से जुड़ी है, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है। सड़क बनवाना तो दूर, देखने तक कोई नहीं आता,” — एक ग्रामीण ने नाराज़गी जताते हुए कहा।
अब सवाल यह है कि जब यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी महत्वपूर्ण योजना से बनी है, तो आखिर उसकी गुणवत्ता जांचने वाला विभाग कहां है? यदि जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तो यह सड़क विकास का नहीं, लापरवाही का प्रतीक बन जाएगी।
