ट्रांसपोर्ट नगर में डंप कचरे से बना पहाड़, डिस्पोजल की योजना फेलस्वच्छता अभियान का बंटाधार
शहर के चौक चौराहें में भी कचरे का ढ़ेर गार्बेज फ्री सपना फेल सड़ांध की बदबू से लोग परेशान
रायगढ़। शहर से निकलने वाले प्रतिदिन कई टन कचरे को निगम प्रशासन अपने विभिन्न वाहनों के जरिए ट्रांसपोर्ट नगर में डंप कर रही है। करीब 5 एकड़ क्षेत्र में फैले कचरे का आकार पहाड़ के रूप में नजर आने लगा है। जिससे निकलने वाले हानिकारक गैस, संड़ाध की बदबू आसपास के गांव व शहरी क्षेत्र के लोगो गैस लोगो को जीवन के बीच जद्दोजहद करने में मजबूर कर दिया है। इससे निपटने और कचरा डिस्पोजल( कचरा निपटान) की योजना कागजो में ही सिमट कर रह गई। जिसका खामियाजा आमजन भुगतान कर रहे है।
दरअसल रामपुर ट्रेचिंग ग्राउंड वर्षो से शहर कचरा डंपिंग यार्ड था। यहां सालों से एकत्रित लाखों टन कचरा से आसपास गंदगी फैल रही थी। केलो नदी बगल में होने के चलते यह बारिश में मौसम में पानी के बहकर नदी में मिलता था, हवा के साथ कचरा उड़कर नदी में चला जाता था, कचरे का निपटान नहीं होने से उसके सड़ांध से लोगों का जीना मुहाल हो था। ऐसे में नगर निगम द्वारा उक्त कचरों का निपटान करने की योजना दो साल पहले स्वच्छ भारत अमृत मिशन से बनाया । कचरा यार्ड समतल मैदान बना दिया गया है। ततपश्चात ऐसे में मार्च अप्रैल के चालू वित्तीय वर्ष में शहर सरकार ने बजट में वहां 3 करोड़ रुपए से पार्क बनाने का प्रविधान रखा गया बटज में शासन के पास भेजा। ताकि उस क्षेत्र के वातावरण में परिवर्तन आ सके। इसके अलावा शासन की ओर से नगर निगम को डीएमएफ फंड से 50 लाख रुपए दिए गए और पार्क बनाये जाने का निर्णय लिया गया। टेंडर जारी किया गया है। इन सबके इतर यहां से कचरा डंप यार्ड के स्थल में बदलाव नगर निगम प्रशासन मनमानी तौर पर ट्रांसपोर्ट नगर में शहर से निकलने वाले कचरे को डंप कर रही है स्थिति यह बन गई है कि यहां डंप कचरा पहाड़ का आकार ले चुका है मानो 20 फीट ऊंचाई तक कचरे का स्थाई पहाड़ महानगर की तर्ज पर नजर रहा है। जबकि निगम प्रशासन के द्वारा कचरे के निपटान के लिए कई योजना भी लाई गई थी, परंतु सभी योजना कागजों में ही सीमित रह गई । जिसका असर स्वच्छ भारत मिशन के अभियान पर पड़ रहा है और स्वच्छता अभियान का बंटाधार कर रहा है।
बडे और सरकारी कालोनी वासी भी लापरवाह
शहर में कई ऐसे बड़े कॉलोनी है जहां बड़ी संख्या में मकान और लोग निवासरत है लोगों के द्वारा अपने घरों से निकलने वाले कचरे को कॉलोनी के इर्द इर्दगिर्द ही बड़े पैमाने पर डंप कर दिया जाता है। जिसके सरकारी कालोनी भी शामिल है, यहां रहने वाले कर्मचारी अधिकारी के घर का कचरा डंप होता है जिसका उदाहरण केलो विहार कालोनी जज बंगला के पीछे, उपभोक्ता फोरम के बगल में नजर आ रहा है।
एक नजर नगर निगम सफाई व्यवस्था पर
एसएलआरएम-10
सफाई कर्मचारी प्लेसमेंट 320
सफाई कर्मचारी नियमित- 85
डोर टू डोर स्वच्छता दीदी -265
टिपर चार पहिया -17
हाथ गाड़ी- 200
कचरा रिक्सा- 60
कचरा कंटेनर- 15
ट्रेक्टर- 20
ऑटो टिपर- 10
जेसीबी- 09
छोटा पोकलेन- 02
रोबोट वाहन 01
चौक चौराहें में हो रहा है कचरा डंप
शहर एवं नगर निगम इलाके के चौक चौराहें में कचरा डम्पिंग यार्ड बनाया गया है आलम यह है कि चौक चौराहे पर कचरे का ढेर लगा हुआ है। वही डंपिग यार्ड में गली मोहल्लों के कचरा एकत्रित कर यार्ड में फेंक दिया जाता है इसके साथ ही आम जनता भी यही करती है। इस कचरे से शहर में निगम की सफाई अभियान का बेड़ागर्क हो रहा है।
वर्जन – शहर सरकार कई कार्ययोजना लेकर आई है। जिसमे बायोगैस प्लांट भी शामिल है। लेकिन कोई भी योजना धरातल में नही आ पाई हैं। इससे ट्रांसपोर्ट नगर में कचरा का पहाड़ बन रहा है, इसका विपरीत दुष्प्रभाव हमारे शहर के पर्यावरण पर भी पड़ रहा है। एनजीटी के नियमों का उलंघन हो रहा है, एनजीटी को भी संज्ञान लेना चाहिए।
सलीम नियारिया, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष