रेडक्रास के 11 दुकान को खाली करने के नोटिस को व्यवसाइयों ने दी चुनौती, हाइकोर्ट से मिला स्टे
रायगढ़।
शहर के व्यवसायिक केंद्र बिंदु रामनिवास टाकीज चौक में रेडक्रास की 11 दुकान है। जिन्हें खाली करने का नोटिस अध्यक्ष पदेन कलेक्टर ने दिया इससे व्यवसाइयो में हड़कंप मच गया, जबतक वे कुछ कर पाते जवाब देते तब तक आनन – फानन में दूसरी नोटिस थमाते हुए 3 दिन में खाली करने का फरमान दिया गया। ऐसे में प्रशासन की कारगुज़ारियों से परेशान व्यवसाइयो ने हाइकोर्ट में पूरे प्रकरण को चुनौती दी। जिस पर उन्हें राहत मिलते हुए कोर्ट ने स्टे दिया है
गौरतलब है कि जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित भारतीय रेडक्रास सोसाइटी जिला शाखा रायगढ़ ने 19 जून 2025 को दुकान के संबंध में नोटिस दिया गया।
नोटिस में उल्लेख किया गया कि दुकान अनुबंध पत्र 1 जनवरी 2002 में वर्णित शर्तों के आधार पर किराए पर दी गई थी,अनुबंध पत्र के शर्ट में उल्लेखित कंडिका 2 के अंतर्गत प्लीज अवधि 31 दिसंबर 2011 को समाप्त हो चुकी है। वहीं इस संबंध में तत्कालीन कलेक्टर/अध्यक्ष द्वारा मार्च 2012 एवं 2013 को दुकान रिक्त करने का पत्र भेजा। इस पर प्लीज अवधि समाप्त होने के कारण आवंटित दुकान को खाली करने का फरमान दिया गया और विशेष तौर पर कार्यालय को भी सूचित करने को कहा गया।
उधर नोटिस प्राप्त होती ही संचालित दुकानदारों में हड़कंप की स्थिति बन गई प्रशासनिक पत्र के जवाब खोजने की जुगत में लग रहे। वर्षों से संचालित दुकानदारों में रोजी रोटी खाने का खोने का भय सताने लगा, उहापोह की स्थिति से गुजर रहे थे। इस बीच पत्र के जवाब तथा दुकान खाली नहीं करने पर भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष कलेक्टर ने 2 जुलाई को फिर से सभी दुकानदारों को नोटिस थमाया, और नियम कानून बीच कंडिकाओं को दोहराते हुए 3 दिन के भीतर उक्त दुकान को खाली करने का आदेश दिया, खाली नहीं करने की सूरत में एकपक्षीय कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई। इन सभी वस्तु स्थिति से हैरान परेशान व्यवसाइयों ने अधिवक्ता उच्च न्यायालय हरि अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां प्रकरण की सुनवाई में न्यायाधीश ने दुकानदारों तथा रेडक्रास के पक्ष और तर्कों पर उन्हें राहत देते हुए आगामी आदेश तक स्टे दिया है। जिसमें आगामी आदेश तक दुकानों में किसी भी करवाई स्थगित है।
वर्जन
कलेक्टर द्वारा रेडक्रॉस की किराए की दुकान खाली करने का नोटिस दिया गया था। इस पर व्यवसाईयों ने हमारे माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर किया गया। जिसमें उच्च न्यायलय ने आगामी आदेश तक स्टे दिया है। अब दुकान वर्तमान स्थिति में यथास्थिति में रहेगी, किसी भी प्रकार की बेदखली व अन्य कार्रवाई पर रोक हैं।

हरी अग्रवाल, उच्च न्यायालय अधिवक्ता




