जिले में 4 हजार से ज्यादा राजस्व प्रकरण लंबित, इनमें 65 प्रतिशत नामांकन के केस, राजस्व अफसरों की सुस्ती से जनता त्रस्त
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत तय समय सीमा में पूरा किया जाना लेकिन इसके बाद भी आवेदकों को संबंधित न्यायालय के लगाने पड़ रहे चक्कर
जनकर्म न्यूज रायगढ़। जिले में राजस्व अफसरों की सुस्ती के कारण जनता की सुनवाई में लंबा वक्त लग जा रहा है। राजस्व न्यायालयों में करीब 4 हजार से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं। इनमें से 65 फीसदी केस नामांकन के हैं, जो कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत तय समय सीमा में पूरा किया जाना है लेकिन इसके बाद भी आवेदकों को संबंधित न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
चीफ सेक्रेटरी से लेकर संभागायुक्त और फिर कलेक्टर भी राजस्व अफसरों को अपने न्यायालय में नियमित सुनवाई और पेंडिंग केस निपटाने के सख्त निर्देश दे रहे हैं। पेशी दिनांक को अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर मामलों की सुनवाई करने की भी सीख दी जा रही है, ताकि तहसीलदार व एसडीएम न्यायालयों में फरियादियों की भीड़ ना हो और संबंधित आवेदकों को न्याय व जरूरी कामकाज के लिए महीनों चक्कर ना लगाने पड़े। लेकिन उसके बाद भी राजस्व कामकाज में कोई खास ज्यादा बदलाव नहीं आ सका है। जिले में राजस्व विभाग में लंबित प्रकरणों पर नजर डाले तो यही लगता है। जिले में विभिन्न तहसीलों में राजस्व प्रकरणों की संख्या करीब 4 हजार 155 तक पहुंच गई है। विधानसभा में पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल द्वारा इस संबंध में सवाल किया गया था। जिसके जवाब में राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने जो जानकारी पेश की है। उसमें अविवादित नामांतरण के 2088 केस, विवादित नामांतरण के 634 केस, अविवादित खाता विभाजन के 265 केस, विवादित खाता विभाजन के 264 केस, सीमांकन के 614 केस, पेड़ कटाई के 10, डायवर्सन के 29, त्रुटि सुधार अ-6 के 251 केस लंबित हैं।
मानिटरिंग से केस निपटाने का दावा
राजस्व प्रकरणों की पेंडेंसी को दूरे करने के सवाल के संबंध में मंत्री जी ने जो जानकारी दी है। उसके अनुसार जिले में राजस्व प्रकरण लंबित ना हो इसके लिए साप्ताहिक ऑनलाइन समीक्षा और समय सीमा की बैठक में भी नियमित समीक्षा की जा रही है। समय सीमा से बाहर के लंबित प्रकरणों को विशेष रूप से निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।





