मुड़ागांव के बाद सराईटोला में भी अडाणी का वन संहार ग्रामीणों के विरोध से बचने तड़के 4 बजे चलाया हाइड्रा

हाइड्रा से कुचलकर पेड़ों को किया दफन, हरियाली की जगह अब समतल जमीन

जनकर्म न्यूज
रायगढ़। मुड़ागांव के बाद अब सराईटोला में भी अडाणी का वन संहार शुरू हो गया। ग्रामीणों के विरोध से बचने कंपनी के अफसरों के इशारे पर पुलिस व प्रशासन की मदद से तड़के 4 बजे कार्रवाई शुरू की गई और जंगल में पेड़ों को काटने के बाद हाइड्रा चलाकर वो हरियाली और प्राकृक्तिक वनोपज भी दफन कर दी गई। जिस पर क्षेत्र के आदिवासी अपनी जीविकोपार्जन करते थे। महाजेनको की कोल माइंस के लिए अडाणी कंपनी द्वारा एमडीओ के रूप में जिले में वनसंहार जारी है। मुडागांव में हजारों पेड़ो की बलि देने के बाद ग्रामीणों का पनपा आक्रोश शांत भी नहीं हुआ था कि दो दिन बाद ही अडाणी ग्रुप ने सराईटोला में भी कोयले के लिए प्राकृक्तिक हरियाली छिननी शुरू कर दी। मुडागांव में प्रभावित ग्रामीण लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वहीं अडाणी कंपनी के लिए सराईटोला में भी तड़के 4 बजे मिशन वनसंहार शुरू हो दिया। इस दौरान छोटे बड़े और मझोले हजारों पेडों को काटकर जमींदोज कर दिया गया और उस पर हाइड्रा चलाकर हरे भरे जंगल की जगह समतलीकरण कर दिया गया।
मुड़ागांव व सराइटोला के पेड कटाई मामले में भी ग्रामीणों का कहना है कि उनकी सहमति के बिना यह कटाई शुरू की गई है। एक आदिवासी महिला ने कहा, हमारी ग्राम सभा की राय को नजरअंदाज किया गया। हमें न तो सूचना दी गई, न ही हमारी बात सुनी गई। आदिवासी समुदाय इस घटना को अपनी संस्कृति और आजीविका पर हमला मान रहा है। उनका कहना है कि जंगल उनके जीवन का आधार हैं, और इन्हें काटने से उनकी आजीविका, जल स्रोत और पारंपरिक प्रथाएँ खतरे में पड़ जाएंगी।
तो किस काम की पांचवी अनुसूची
पांचवीं अनुसूची से प्रभावित क्षेत्र में ग्राम सभा की सहमति के बिना जंगलों की कटाई नहीं हो सकती। जंगलों पर आदिवासी समुदाय निर्भर होता है लेकिन इन सब सरकारी नियमों के बाद भी एसडीएम व डीएफओ के आदेश पर मुडागांव के रिजर्व फॉरेस्ट कम्पार्टमेंट 740 पी और 741 पी में वृक्षों की कटाई बीते 4 दिनों से जारी है। हरे भरे जंगल की कटाई से इस क्षेत्र के पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचाया जा रहा है, उसकी कोई भरपाई आने वाले कई सालों तक नहीं की जा सकेगी।
चरणदास मंहत भी आएंगे मुड़ागांव
पीसीसी चीफ समेत कांग्रेस के आधा दर्जन विधायकों ने मुडागांव में दौरा कर प्रभावितों से मुलाकात की थी और अब इस मामले में भाजपा और अडाणी ग्रुप को घेरने के लिए छग विधनसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत भी तमनार के। मुड़ागांव पहुंच रहे हैं। महत सोमवार को ही पहुंचने वाले थे लेकिन किन्हीं कारणों से उनका यह दौरा अंतिम रूप नहीं ले सका।
ग्रामीणों का विरोध कुचलने बिजली गोल
कोल खनन के लिए अडाणी के अफसरों का रास्ता साफ हो सके, इसके लिए प्रशासन व पुलिस पूरा सहयोग कर रहा है। पुलिस ने गांव को छावनी बना रखा है। सुबह से ही पुलिस बल गांव की सीमा पर तैनात हो जाता है। जिससे आदिवासी समाज के लोग वनोपज के लिए जंगल की ओर भी नहीं जा पा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और जनचेतना के राजेश त्रिपाठी ने बताया कि ग्रामीणों को विरोध कुचलने और पेड़ों की कटाई के लिए कोई कसर नहीं छोडी जा रही है। मुडागांव में बिजली भी काट दी गई, ग्रामीणों ने काफी हो हंगामा मचाया तो एक फेस से बिजली दे दी गई। अफसरों द्वारा कोई सुनवाई ना होने से प्रभावित ग्रामीण लाचार है।




