Monday, December 1, 2025
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पहुंचे तमनार, बैगेर ग्राम के पेड़ों की कटाई पर जताए आपत्ति,रोका गया काम

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज पहुंचे तमनार, बैगेर ग्राम के पेड़ों की कटाई पर जताए आपत्ति, रोका गया काम

सरपंचों के फर्जी हस्ताक्षर कर ग्राम सभा पारित करने का भी लगा आरोप, प्रशासन और वन विभाग रही मौन


रायगढ़। महाजेनको के लिए प्रस्तावित कोयला खदान केचक्कर मे पेड़ो की कटाई के विरोध में तमनार तहसील समेत समूचा जिला नजर आ रहा है। शुक्रवार दोपहर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज अपने विधायको के साथ मुड़ागांव मौके पर आए जहां वन विभाग के अधिकारियों से ग्राम सभा की अनुमति, 5 वीं अनुसूची गांव के सम्बंध में जानकारी ली, चूंकि जवाब देने के बजाए गोलमाल तथा गफलत जानकारी देने से लोगो का मिजाज उखड़ गया। जमकर नारेबाजी कर विरोध भी जताया गया।
दरअसल महाजेनको के लिए तमनार तहसील में कोयला खदान प्रस्तावित है। यह खदान रिकार्ड में वर्ष 2016-17 में केंद्र सरकार ने आवंटित की है। जिसके जद में तमनार के आदिवासी अंचल के 14 गांव की जमीन जंगल प्रभावित है। यह वह क्षेत्र है जो 5 वीं अनुसूची में शामिल हैं।
जिसमें लंबे वाद- विवाद के बीच काम रुका था, एनजीटी के पास भी ग्रामीण दस्तक दिए थे। इसके पश्चात कोरोना ने भी इस पर अड़ंगा लगाया था। इसी बीच खदान के लिए सभी प्रक्रिया को पूरा करने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। जिसमें ग्राम सभा जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी शामिल है। चूंकि ग्रामीण जन ने इस पर शुरुआत से आपत्ति जताए थे और इसे फर्जी बताएं। ऐसे मे गुरुवार से पेड़ कटाई आरंभ हो गया। यह कार्य पुलिस छावनी में तब्दील होकर किया गया। जिसें लेकर जमकर विरोध हुआ। विरोध करने वाले लोगो को पुलिस ने बर्बरता पूर्वक दमन का कार्य करते हुए गिरफ्तार तक कि थी। इसमे स्थानीय कांग्रेस की महिला विधायक भी शामिल रही। उन्हें भी बख्सा नही गया।


इस दरम्यान पूरे घटनाक्रम की जानकारी विधायक विद्यावती सिदार ने प्रदेश कांग्रेस को पूरे वस्तु स्थिति से अवगत कराई। जहां पूरे प्रकरण को कांग्रेस ने हाथों हाथ लेते हुए शुक्रवार को सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कांग्रेस के अन्य विधायको के साथ आए। जहां उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर ग्रामीणों से गांव में ही चौपाल लगाकर चर्चा किए। फिर उनके द्वारा जंगल की ओर कूच किया गया। मौका मुआयना करने के बाद पूरे वस्तु स्थिति को देखकर प्रकृति के लिए उक्त पेड़ो की कटाई को भयावह बताया गया। तत्पश्चात ग अधिकारी वर्ग से भी बात चीत किए। जहां वन विभाग के अधिकारियों की टीम इस कटाई पर गोल मोल जवाब देने लगे। सवाल जवाब में हाईकोर्ट में मामला लंबित होने पर भी कटाई आरम्भ किया गया है। इस पर ठोस जानकारी नही होने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज तथा अन्य विधायक भड़क गए ग्रामीणो का गुस्सा सांतवें आसमान में आ गया। देखा जाए तो वह विभाग के पास पेड़ो की कटाई से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज नही रहना यह भी उनके कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में रख रहा है। इसी के चलते विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। इधर इसके चलते महाजेनको के लिए पेड़ो की कटाई का पूरा मामला गरमाया रहा है पुलिस बल चप्पे चप्पे में मौजूद रही हैं। फिलहाल हर परिस्थिति में पुलिस बल के अप्रिय स्थिति से निपटने को तैयार है जबकि प्रभावित हर हाल में पेड़ो को बचाने एवं खदान के विरोध में डटे है। जबकि दीपक बैज की अधिकारी वर्ग से चर्चा के बाद पेड़ो की कटाई तथा उन्हें हटाने पर आपत्ति जताया गया। जिस पर कार्य को रोके जाने की बात सामने आई है।

खदान के लिए जंगल तो किस लिए लाखों रुपये से जल संरक्षण पर खर्च

जंगल बचाने के लिए लंबे समय से जन चेतना की टीम लगी हुई है। हर मोर्चे पर सभी शासन के दरम्यान विरोध करते आ रही है इस पर सवाल जवाब में राजेश त्रिपाठी ने बताया कि इसी छह माह में 15 लाख का जल संरक्षण के लिए नाली भी बनाया गया है। जबकि अधिकारी वर्ग के मुताबिक 2016-17 से यह कोयला खदान के लिए प्रस्तावित है। सवाल उठाते हुए कहां किस आधार पर यहां उक्त कार्य किया गया है यह सवाल भी वन विभाग तथा प्रशासन को सवालों के साथ कटघरे में खड़ा कर दिया।

दीपक बैज और उमेश पटेल एसडीओ के झूठ बोलने पर भड़के

ग्रामीणो के बीच मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, खरसिया विधायक उमेश पटेल, स्थानीय लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार, समेत अन्य विधायक मौके ही थे। कटाई कस संबंध में दस्तावेज की मांग की गई। ऐसे में जब सही और दस्तावेजों की अनुपलब्धता पर वे भड़क गए। उमेश पटेल ने आवाज बुलंद कर झूठ बोलने पर बिफर गए। दीपक बैज ने भी इस तरह गलत जानकारी पर खरी खोटी सुनाए है।

फर्जी हस्ताक्षर कर ग्राम सभा पारित का आरोप

प्रभावित ग्रामीणो ने बताया कि यह 5वीं अनुसूची क्षेत्र में शामिल है। पेशा कानून भी प्रभावी है , जबकि यहां शुरुआत से ही सभी खदान मालिक मनमानी कार्य कर रहे है। जिसमें कोरोना काल ले प्रथम चरण में जब लोगो को घरो से निकलना मना था तब ग्राम सभा की बात कही गई । वहीं ग्रामीणो के प्रतिनिधि सरपंच ने आरोप लगाया कि वे इस तरह के किसी भी ग्राम में न तो वे थे और न ही आयोजित हुआ है। हस्ताक्षर एवं सील मुहर तक फर्जी होने की बात कही गई।

पुलिस छावनी में तब्दील रहा पूरा तमनार

पेड़ो की कटाई से पहले से ही तमनार तहसील में तनावपूर्ण माहौल था। पुलिस टीम छावनी की तरह मौजूद थी। दूसरे दिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं अन्य टीम आने की जानकारी मिलते ही फोर्स दुगना हो गया। सभी मार्ग एवं प्रभावित गांव एवं जंगलो के इर्दगिर्द बड़ी स संख्या में टुकड़ी के रूप में पुलिस बल व अधिकारी थे।

स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों ने जाहिर की चिंता

पर्यावरणविदों का कहना है कि रायगढ़ का यह क्षेत्र जैव-विविधता के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ के जंगल न केवल कार्बन अवशोषण में मदद करते हैं, बल्कि कई दुर्लभ प्रजातियों का भी निवास स्थान हैं। जंगल कटाई से न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

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