Monday, December 1, 2025
Google search engine
HomeBlogरायगढ़, मुडागांव में अदानी द्वारा जंगल कटाई शुरू, ग्रामीण और जनप्रतिनिधि कर...

रायगढ़, मुडागांव में अदानी द्वारा जंगल कटाई शुरू, ग्रामीण और जनप्रतिनिधि कर रहे विरोध, स्थानीय लोगों में आक्रोश, पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील

रायगढ़, मुडागांव में अदानी द्वारा जंगल कटाई शुरू, ग्रामीण और जनप्रतिनिधि कर रहे विरोध, स्थानीय लोगों में आक्रोश, पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील

पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया एवं विधायक विद्यावती सिदार सहित 100 से अधिक गिरफ्ता

रायगढ़ जिले के तमनार तहसील के ग्राम पंचायत सराईटोला के आश्रित ग्राम मुडागांव में अदानी समूह द्वारा जंगल कटाई शुरू होने की खबर ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है। आज सुबह से वन विभाग के अधिकारी पेड़ कटाई का काम शुरू करने वाले थे उससे पहले सैकड़ो कि संख्या में ग्रामीण मौके पर मौजूद थे जो पेड़ कटाई का विरोध कर रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार लैलूंगा विधायक विधवाती सिदार भी विरोध करने पहुंची थी जिसे लेकर पुलिस ने पहली गिरफ्तारी विधायक विधावती का किया।
उसके बाद लैलूंगा क्षेत्र के पूर्व विधायक सत्यानंद राठिया अपने टीम के साथ विरोध करने पहुँचे थे। सत्यानंद राठिया को भी गिरफ्तार करने कि बात सामने आई है।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के अनुसार, मुडागांव में अदानी समूह की एक परियोजना के लिए जंगल की कटाई शुरू की गई है। इस कार्य के लिए सैकड़ों पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह कटाई बड़े पैमाने पर हो रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में घने जंगल और जैव-विविधता से भरपूर वन क्षेत्र हैं, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका का भी आधार हैं।

कटाई की खबर के बाद ग्रामीणों में असंतोष बढ़ रहा है। कई लोगों ने इसे पर्यावरण के साथ-साथ उनकी संस्कृति और आजीविका पर हमला बताया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कटाई के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई और न ही इसकी पर्याप्त जानकारी दी गई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार पर्यावरण संरक्षण की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ औद्योगिक परियोजनाओं के लिए जंगलों का विनाश किया जा रहा है। यह दोहरा रवैया ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

अदानी समूह का पक्ष

अदानी समूह की ओर से अभी तक इस कटाई को लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, समूह पहले भी कई बार यह दावा कर चुका है कि उनकी परियोजनाएँ पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हैं और वे हरित ऊर्जा और सतत विकास को बढ़ावा देते हैं। हाल ही में, अदानी समूह ने गुजरात के कच्छ में भारत का पहला ऑफ-ग्रिड 5 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट शुरू किया है, जिसे पर्यावरण के लिए एक बड़ा कदम बताया गया। इसके अलावा, खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बनाने की योजना भी समूह की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का हिस्सा है।

लेकिन मुडागांव के मामले में स्थानीय लोगों का कहना है कि हरित परियोजनाओं के नाम पर जंगल कटाई को जायज नहीं ठहराया जा सकता।

स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों की चिंता

पर्यावरणविदों का कहना है कि रायगढ़ का यह क्षेत्र जैव-विविधता के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ के जंगल न केवल कार्बन अवशोषण में मदद करते हैं, बल्कि कई दुर्लभ प्रजातियों का भी निवास स्थान हैं। जंगल कटाई से न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, “जंगल हमारी माँ हैं। इन्हें काटने का मतलब है हमारी जड़ों को काटना। सरकार और कंपनियाँ हमें बिना बताए हमारी जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर रही हैं।”

विवाद के संभावित प्रभाव

स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता इस कटाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। कुछ संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही है। दूसरी ओर, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदानी समूह और छत्तीसगढ़ सरकार इस विवाद को कैसे संभालते हैं। क्या सरकार इस कटाई को रोकने के लिए कोई कदम उठाएगी, या यह परियोजना निर्बाध रूप से जारी रहेगी?

इस बीच, यह घटना एक बार फिर विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने की चुनौती को रेखांकित करती है। रायगढ़ के इस मामले पर न केवल स्थानीय, बल्कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी नजर रखी जा रही है।

spot_img
spot_img

JANKARM DAILY EPAPER

Recent Artical