28 करोड़ राजस्व वसूली लक्ष्य को पूरा करने बढ़े समय सीमा का करदाता उठा रहे है लाभ, टेक्स पटाने निगम में उमड़ी भीड़

चालू वर्ष में कुल 2737.89 लाख रुपए मांग है और 48 फीसदी भी नहीं हो पाई है वसूली
रायगढ़- नगर निगम के 48 वार्ड में करदाताओ द्वारा राजस्व कर भुगतान नही करने पर इसका असर कोषालय में पड़ने लगा है। आलम यह है कि 12 माह फरवरी -मार्च 31 2025 तक
69 फीसदी ही राजस्व आ पाया था। ऐसे में शासन द्वारा समय सीमा बढाते हुए विलंब शुल्क ( सरचार्ज ) छूट दी है। इसका लाभ करदाताओं द्वारा भरपूर लिया जा रहा है।आलम यह है कि करदाता निगम कार्यालय में बकाया कर पटाने कतारबद्ध है जिससे कोषालय में 5 फीसद राजस्व अब तक अतरिक्त आय अर्जित हुआ है।
नगर पालिका द्वारा विभिन्न सेवाओं के एवज में संपत्तिकर, समेकित कर, जलकर, दुकानों का किराया, निर्यात कर, यूजर चार्ज आदि वार्डवासियों चालू और पिछले वर्षों का बकाया टैक्स बढ़ता ही जा रहा है। चालू और पिछले वर्षों का कुल बकाया 180.67 है। नगर पालिका के द्वारा लोगों से टैक्स भुगतान करने की अपील की जा रही है। समय पर टैक्स भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
चालू वर्ष में कुल 2737.89 लाख रुपए मांग है और 48 फीसदी भी वसूली नहीं हो पाई है।प्रतिवर्ष दिसंबर माह से ही टैक्स वसूली में तेजी आती है। चुकी इस वर्ष यह कम हुआ है। चालू वर्ष 2024-25 में बकाया के साथ ही पिछले वर्षों का भी बकाया बढ़ता जा रहा है। बकाया टैक्स वसूलने में भी नगर पालिका के पसीने छूट रहे हैं। पिछले वर्षों का बकाया भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। नगर निगम प्रशासन द्वारा बकायादारों पर कार्रवाई करने के लिए नोटिस देने की कवायद आरंभ कर रही है। बड़े दूकानदारों
पर सख्ती बरतते हुए सील भी लगाया जा रहा है।इसके साथ ही शासन ने एक माह का अतिरिक्त समय भी राजस्व कर पटाने के लिए दी है। बहरहाल वर्तमान में 12 माह के आंकड़े में निगम ने लगभग 20 से 21 करोड़ राशि वसूल कर पाने की बात सामने आई है। करोड़ यानी 80 फीसद के करीब पहुचने का अनुमान लगाया जा रहा है इसके पीछे की वक्ज बकाया दारों को नोटिस देने और सख्त कार्रवाई करने हो सकती है।

आय बढ़ाने हो सकती है संपति कर की गणना नए सिरे से
शासन द्वारा कई मद में आने वाली राशि के स्रोत को जनहित में बंद कर दी है जिसमें बाजार व अन्य शामिल है। ऐसे में आय का एक बड़ा राशि निगम खाजने में नही आ पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक निगम प्रशासन संपति कर दाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए घर करवा सकती है।
यह भी ज्ञात हो कि 48 वार्ड में संपतिकर दाता सीमित है लेकिन समेकित कर दाता की संख्या अधिक है। वे वर्तमान में अधिक भूमि में काबिज है जिसकी पुष्टि विभिन्न रिपोर्ट में सामने आ चुकी है। अब इसे लेकर गणना किए जाने की बात सामने आई है। संभावना यह भी है कि इसी साल इसकी पुनः संसोधन वाली गणना हो सकती है।
सख्ती के असर कोषालय में और करदाताओं पर
नगर निगम आयुक्त ने कर नही पटाने वाले लोगो पर सख्ती बरतने का निर्देश दिए है। जिसमें बड़े दुकानदार बकाया दारो पर कार्रवाई भी आरंभ किया गया है। इसमे अब तक पेट्रोल पंप समेत 9 दुकान को सील कर दिया गया है। इससे राजस्व कर पटाने वाले आम जन भी सकते में है वे भी कार्रवाई से बचने के लिए कर पटाने में दिलचस्पी दिखा रहे है जिसके चलते निगम में इन दिनों भीड़ भाड़ काफी है।
नगर निगम राजस्व वसूली पर एक नजर
राजस्व मद – मांग- वसूली – प्रतिशत
संपति कर- 1236.56 – 839.89 – 67.92
समेकित कर- 196.23 – 120.80 – 61.56
जलकर- 517.64 – 229.37 – 44.30
दुकानों किराया – 134.68 – 110.39 -81.96
यूजर्स चार्ज- 285.60 – 235.70 – 81.83
अन्य -366.78- 366.78- 100
महायोग 2737.59 – 1900.93 – 69.44
नोट – उक्त आंकड़े की राशि लाख में है।