Monday, October 13, 2025
Google search engine
Homeछत्तीसगढ़कायाघाट रपटा पुलिया और जिंदल डेम स्थित नाले का पानी मिल रहा...

कायाघाट रपटा पुलिया और जिंदल डेम स्थित नाले का पानी मिल रहा है सीधे जीवनदायिनी केलो नदी पर

कायाघाट रपटा पुलिया और जिंदल डेम स्थित नाले का पानी मिल रहा है सीधे जीवनदायिनी केलो नदी पर

इंदिरा नगर और केवड़ाबाड़ी के नाले के पानी को रोकने की योजना भी फाइल में

जनकर्म न्यूज


रायगढ़। दो एसटीपी का निर्माण होने के बावजूद केलो नदी में गंदगी कम नहीं हुई। केलो नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए नगर निगम ने करोड़ों रुपए खर्च कर एसटीपी (सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) तो बना दिया है, बाबजूद इसके नदी में दो बडे नाले का पानी निरंतर मिल रहा है।

शहर की जीवनदायिनी केलो नदी सालों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। सबसे ज्यादा नदी के पानी को प्रदूषित आसपास के नाले कर रहे थे, जिनका पानी नदी में आकर मिल रहा था। इसके रोकथाम के लिए सालों पहले नगर निगम ने एसटीपी का सपना देखा था। करीब 57 करोड़ से अधिक की रुपए खर्च कर बांजीनपाली व छोटे अतरमुड़ा में सिवरेज ट्रीटनेंट प्लांट बन कर तैयार किया गया है। एसटीपी के प्लान के अनुसार आसपास के नालों का पानी नदी में न जाकर सीधे पाइप लाइन के माध्यम से प्लांट तक जाना था, और फिर वहां से इस पानी को फिल्टर किया जाना है लेकिन आज भी नदी के दोनों तरफ कई स्थानों में नालों का पानी नदी में जाकर समाहित हो रहा है।
जिसमे शनि मंदिर मरीन ड्राइव में स्थित 25 एमएलडी के पास एसटीपी का पाइप लाइन से छूट गई है। जिसका प्रदूषित जल विभिन्न माध्यमों से केलो नदी में मिलकर प्रदूषित कर रहे हैं। यही हाल शहर के कई स्थानों में बना है।


जिसमे समलाई मंदिर के नीचे नदी किनारे से एक बड़ा नाला नदी में मिलता है। कयाघाट के पास भी बड़ा नाला है। ऐसे कई छोटे-बड़े नाले हैं जिनका गंदा पानी केलो में गिरता है। इस तरह शासन के करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी केलो नदी प्रदूषण से मुक्त नहीं हो पा रही है। फिलहाल
अभी भी इन नालों को बंद कर पानी को एसटीपी की ओर डायवर्ट करना होगा। तब कही जाकर नाले के पानी से जीवनदायिनी केलो नदी दूषित होने से रोका जा सकता है।

इंदिरा नगर और केवड़ाबाड़ी के नाले के पानी को रोकने की योजना भी फाइल में

कई बड़े नालों और नालियों को जोडक़र पानी का उपचार करना होगा। इंदिरा नगर नाला और केवड़ाबाड़ी नाला जैसे बड़े नालों को सीधे केलो नदी में मिलने से रोकना होगा। इसके लिए 82.28 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया गया है। इस राशि से नदी के आसपास एक नया सीवर नेटवर्क तैयार किया जाना था । गंदे पानी को डायवर्ट करने से ही नदी का पानी साफ होगा। फिलहाल यह वर्तमान में कागजो में नजर आ रहा है।

पूर्व में लग चुका है 1 लाख का जुर्माना

देखा जाए तो नाले तथा नालियों को नदी में सीधे मिलने से रोकने के लिए एसटीपी बनाया गया है। चूंकि कई नाले नालियों को जोड़ा नही गया है। जिसके चलते वर्ष 2024 के अक्टूबर माह में तत्कालीन आयुक्त ने नोटिस जारी किया था वहीं, एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया था। इसके बाद भी उक्त नाले के पानी को रोकने के लिए वर्तमान परिदृश्य में कोई कार्रवाई नही आ रही है।

spot_img
spot_img

JANKARM DAILY EPAPER

Recent Artical