शहर में 50 हजार से अधिक आवारा कुत्ते, घूमना फिरना सब मुश्किल, बच्चे बड़े बुजुर्ग सभी भयभीत
कुत्तो से निजात दिलाने सभी योजनाए जमीनीस्तर में लागू होने से पहले कागजो में तोड़ी दम

रायगढ़। जानवरों मे इंसान के सबसे वफादार साथी कुत्ते को माना जाता है। लेकिन शहर में इनके बढ़ते तादात और
काटे जाने के प्रकरण से हर वर्ग हलाकान है।
औसतन प्रतिदिन 8 से 10 लोग उपचार के लिए आए है। जिसमे ढाई माह में 937 लोग इनके शिकार बन चुके हैं।
कुछ साल पहले की रिकार्ड की बात कही जाए 30 हजार कुत्तो नसबंदी हुई थी, संभवतः बढ़कर 50 हजार से अधिक पहुचने की प्रबल संभावना शहर वासी जता रहे है।
जबकि इन बेसहाराओं से निजात दिलाने जिला प्रशासन,निगम अमला की सभी योजना कागजो में सिमटकर दम तोड़ दी है।
जिले में आवारा कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि हर दिन दो-चार लोग इनके शिकार हो रहे हैं। यह आतंक ठंड और गर्मी बरसात सभी मौसम में नजर आ रहा है। देखा जाए तो कुत्तों का काटे क्रम सबसे अधिक गर्मी और ठंड में समाने आया हैं। जिसमें इस वर्ष 2025 में जनवरी से मार्च 26 तक 937 लोग इसके चपेट में आ चुके है। इन प्रकरण की बात की जाए तो लोग अपने अपने प्रयोजन में पैदल व मोटरसाइकिल से गंतव्य की ओर जा रहे थे तभी कुत्तो ने उन्हें दौड़कर कर काटा है। कुत्तो के दौड़ाने का क्रम अमुमन शहर में तड़के सुबह व रात्रि में अधिक नजर आया हैं। शहर के अधिकांश वार्ड मोहल्ले में रामभाटा ,इंंदिरा नगर ,पंजरी प्लांट ,केवडाबाड़ी बस स्टैंड ,जूटमिल ,चक्रधर नगर , कायाघाट , बेलादुला , टीवी टावर सहित पूरे शहर के मोहल्ले में मानो सफर करना खतरे से खाली नही है। आवारा कुत्ते झुंड बनाकर उन्हें दौड़ाते है इसकी वजह से लोग भयभीत रहते है।जिसका कोपभाजन आमजन को व छोटे बच्चे को सबसे अधिक उठाना पड़ रहा है। बहरहाल जिम्मेदार विभाग के नकारा पन से हर रोज आम जन को कुत्तों के काटे जाने का दंश उठाना पड़ रहा है।
लोगों का सैर करना भी हुआ दूभर
शहर के पार्कों व अन्य स्थानों में आवारा कुत्तों की इतनी भरमार है कि सैर करना भी लोगों के लिए मुश्किल हो रखा है। लोगों को यही डर सताता है कि कहीं उन पर ये कुत्ते हमला न कर दें। पैदल सैर करने वाले बुजुर्ग व युवा हाथ मे बचाव के लिए डंडे तक अपने पास रखे रहते है वह केवल अपने बचाव में रखते है वही डंडे को देखकर कुत्ते भी उनसे दूर रहते है हालांकि कई बार झुंड में ये स्वान भौंकते है जिससे राहगीरों को हमले से डर रहता है ।जिसके चलते वे दौड़ने भागने के चलते गाहे बगाहे दुर्घटना का शिकार भी हो जाते है।
निगम का डाग हाउस कोरे सपने की तरह
शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से पूरा शहर सहमा हुआ सा है वही इन्हें सुरक्षित स्थान में भेजने एवं रखने की योजना निगम प्रशासन ने 3 वर्ष पूर्व में बनाई थी जिसमे डाग हाउस का निर्माण करना था । जबकि यह स्वान हाउस के लिए एक दशक से निगम प्रशासन विभिन्न स्तर में क्वयाद कर चुकी है। वर्तमान में इसके लिए स्थल चयन भी किया जा चुका था परंतु आज तक इस डाग हाउस का निर्माण के लिए एक ईंट तक नही रखा जा सका। वही इसके लिए बजट सदन में रखा गया हैं वह भी कोरे सपने की तर्ज पर है।
जगह जगह मांस मटन दुकान के चलते बन रहे है आक्रमक
शहर व ग्रामीण अंचल में जगह जाना मांस मटन की दुकान खुल चुकी है । सुबह से लेकर लेकर शाम तक विभिन्न उत्पाद पकवान के रूप में बनाकर लोगों को परोसा जाता है । दुकानदार व ग्राहक कच्चे व पक्के मांस के विभिन्न टुकड़े को यत्र तत्र फेंक दिया जाता है ऐसे में आवारा कुत्तों का झुंड आपस में समान को खाने के लिए आक्रामक रूप से लड़ते हैं यही आक्रामक रूप आम जनता के लिए भी रहता है।
2024 में 1 व्यक्ति ने गंवा चुका जान
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का आतंक काफी बढ़ गया है, लेकिन इनकी जनसंख्या को कम करने नगर निगम की तरह से किसी भी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है।, पूर्व में नसबंदी की गई थी करोड़ो रूपये खर्च किए गए थे लेकिन वह कारगर साबित नही हुआ। नसबंदी योजना भी फेल हो गई है। इधर शहर ग्रामीण अंचल में जगह जाना मांस मटन की दुकान खुल चुकी है। इन्हें खाने के चक्कर मे आक्रमकता दिखाते है। इस तरह स्वानो का दंश मृत्यु तक पहुचा रही हैं। जिसमे बीते साल 1 की जान भी जा चुकी है।
वर्ष 2025 में माह दर माह प्रकरण
माह – जिला अस्पताल – मेडिकल कालेज
जनवरी -272-104
फरवरी -227-78
मार्च 203-54 ( 26 मार्च तक)
योग- 701-236
महायोग-937