नहीं भर पाया केलो डेम, अभी भी दो साल की तुलना में कम पानी
एक गेट से छोड़ रहे 1&.18 क्यूमेक पानी

जनकर्म न्यूज
रायगढ़। इस साल के मानसून में भी केलो डेम लक्ष्य के हिसाब से नहीं भर पाया। वहीं वर्तमान में भी डेम में दो साल की तुलना जल स्तर कम है। डेम में पानी सहेजने को लेकर विभागीय अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। वहीं अब बारिश कम होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। वर्तमान में डेम के 5 नंबर गेट को 10 सेंटीमीटर खोल कर 1&.18 क्यूमेक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है।
केलो डेम में पानी रखने की क्षमता 61.95 एमसीएम है। 12 सितंबर की तारीख में डेम में 4& एमसीएम पानी भरा है। जबकि इसी तारीख में 2022 में 51.02 एमसीएम व 202& में 49.56 एमसीएम पानी भरा था। इस तरह इस साल केलो डेम में जल स्तर पहले की तुलना कम है। ज्ञात हो कि जून माह में मानसून की शुरुआत हुई थी। इसके बाद बारिश भी कुछ दिनों के अंतराल में रूक-रूक पर लेकिन ठीकठाक हुई, फिर भी डेम में जल स्तर कम की रहा। बारिश के समय में विभाग द्वारा डेम के गेट को खोल कर खूब पानी बहाया गया। वहीं अभी भी डेम से पानी छोड़ा जा रहा है। जानकारों की मानें तो यही वो समय जब डेम में पानी को सहेज कर रखा जाता है, ताकि किसानों को पर्याप्त पानी दिया जा सके, लेकिन विभागीय अनदेखी के कारण जल स्तर में गिरावट देखी जा रही है।
खरीफ में पानी के लिए तरसे कहीं रबी में भी ऐसा न हो
केलो डेम के मुख्य नहर में लीकेज होने के कारण खरीफ के सीजन में किसानों को पानी के लिए तरसना पड़ा है। हालांकि अभी तक नहर में आई लीकेज सुधर नहीं पाई है, लेकिन किसानों की डिमांड को देखते हुए नहर में &.18 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसका कारण यह है कि पानी की कमी के कारण किसान खेती से पिछड़ गए हैं। वहीं केलो डेम और नहर बनाने का उद्देश्य ही यही है किसानों को खेती करने के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके। यही कारण है कि भले ही नहर से पानी व्यर्थ बह रहा है, पर केनाल में पानी छोड़ा जा रहा है। अब मानसून भी जाने को है, ऐसे में डेम में जल स्तर कम होने पर रबी के सीजन में भी किसानों को पानी के लिए तरसना पड़ सकता है।