Monday, October 13, 2025
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ठगबाजों ने अपनाया नया पैंतरा

ठगबाजों ने अपनाया नया पैंतरा, ई-चालान का पीडीएफ व मैसेज बना रहे लोगों को शिकार
परिवहन विभाग को मिल रही ई-चालान से ठगी करने की शिकायतें
रायगढ़। इन दिनों ठगबाज लोगों की गाढ़ी कमाई ऐंठने का नया पैंतरा अपना रहे हैं, वे लोगोंं के मोबाइल पर ई-चालन का पीडीएफ व मैसेज भेज कर उनकी व्यक्ति जानकारी व बैंक खाते से पैसे निकालने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि परिवहन विभाग को ई-चालान से ठगी करने की शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही हैं। हाल में इस पर कदम उठाते हुए परिवहन आयुक्त ने रायगढ़ सहित प्रदेश के समस्त जिला परिवहन अधिकारियों को इस फर्जी ई-चालान को लेकर लोगोंं को जागरूक करने को कहा है।
जानकारी के अनुसार वर्तमान में ठगबाज लोगों को ठगने व बैंक खातों से लोगों की गाढ़ी कमाई को हथियाने के लिए तरह-तरह की तरकीबें अपना रहे हैं। मुख्य बात यह है कि इस तरह के फर्जी ई-चालान के माध्यम से ठगी की शिकायतें परिवहन विभाग को भी प्राप्त हो रही हैं। ठगबाज एपीके फाइल या ई-चालान को मैसेज भेज रहे हैं और ट्रैफिक नियम तोडऩे का हवाला देते हुए 500 रूपए से 10 हजार रूपए तक चालान पटाने को कह रहे हैं। इस चालान के साथ ही एक लिंक भी दिया जा रहा है, जैसे ही कोई व्यक्ति चालान की रसीद देखने के लिए या फिर इस चालान के बारे में ज्यादा जानने के लिए इस लिंक को ओपन कर रहा है, उसक ी जानकारी व्यक्तिगत जानकारी संबंधित ठगों तक पहुंच जाती है और बड़ी आसानी से वे संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से पैसों का आहरण कर लेते है। यह सब कुछ ही मिनटों में हो जाता है। जब इस बार की जानकारी संबंधित पीडि़त व्यक्ति को होती है तब तक देर हो चुकी हो होती है। परिवहन विभाग की मानें तो इस प्रकार ई-चालान भेज कर ठगी करने का प्रचलन इन दिनों लगातार देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि लगातार ई-चालान के नाम पर किसी अज्ञात मोबाइल नंबर से भेजने वाले मैसेज या एपीके फाइल को ओपन नहीं करने की अपील की जा रही है। अहम बात यह है कि ई-चालान आने के बाद व्यक्ति विशेष यह सोचता है कि कहीं चालान न पटाने पर उस पर कार्रवाई हो जाएगी, इसी भ्रम में संबंधित व्यक्ति चालान पटाने लिंक ओपन करता है और ठगी का शिकार हो जाता है। बता देंं कि यदि परिवहन विभाग या यातायात विभाग की ओर से ई-चालान भेजा जाता है तो यह मैसेज के जरिए ही भेजा जाता है। इसमें किसी प्रकार के फाइल नहीं होते। कु छ दिनों पहले आनंद ङ्क्षसंह और मनोज जायसवाल नामक दो युवकों के पास एक अज्ञात नंबर से ई-चालान का मैसेज आया, जिसमें गाड़ी संख्या आदि लिखा हुआ। किंतु यह गाड़ी नंबर इनके नहीं थे। इसमें चालान पटाने के लिए एक लिंक भी दिया गया था। गनीमत यह रही कि इन दोनों ही युवक ठगबाजों के इस पैंतरें को समझ गए और इस लिंक का उपयोग नहीं किया।

इस प्रकार देखें वास्तविक चालान की जानकारी
इस संबंध में बताया गया कि यदि किसी व्यक्ति विशेष को ई-चालान प्राप्त होता है तो ऐसे में वे वास्तविक चालान की जानक ारी के लिए परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइड पर जाकर चालान नंबर और कैप्चा कोड डाल कर इसकी जांच कर सकते हैं। परिवहन विभाग या यातायात पुलिस वाहन के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ही टेक्स्ट मैसेज भेजता है।
4 साल से ई-चालान से हो रही कार्रवाई
बता दें कि वाहन चालकों पर ई-चालान के माध्यम से कार्यवाही करने के लिए परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ही अधिकृत है। वर्ष 2021 से ई चालान की यह प्रक्रिया शुरू हुई थी। जिसमें ट्रैफिक नियम तोडऩे पर, ओव्हर स्पीड, बिना हेलमेट व सीटबेल्ट के वाहन चलाने पर, क्षमता से अधिक भार, फिटनेस, नो एंट्री, अवैध पार्किंग, शराब का सेवन कर वाहन चलाना, आदि प्रकरणों पर ई-चालान के माध्यम से कार्रवाई की जाती है।


वर्जन…ई-चालान के नाम पर ठगी करने संबंधी जानकारी प्राप्त हुई थी। विभाग की ओर से कभी एपीके फाइल आदि नहीं भेजा जाता, बल्कि विभाग द्वारा पंजीकृत मोबाइल नंबर पर वाहन के नाम से एक टैक्स्ट मैसेज के माध्यम से ई-चालान की जानकारी दी जाती है।


अमित प्रकाश कश्यप, जिला परिवहन अधिकारी, रायगढ़।

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