33 दिन बाद एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल खत्म: 05 मांगों पर सरकार ‘राजी’, बाकी मांगो का इम्तिहान बाक़ी!

लंबे 33 दिन के आंदोलन के बाद छत्तीसगढ़ के एनएचएम कर्मचारियों ने आखिरकार हड़ताल समाप्त कर दी। सरकार ने पांच मांगों पर हामी भरी है, लेकिन कर्मचारियों का कहना है, “हमने वादा निभाया, अब सरकार और प्रशासन की बारी है।” क्या यह वादा जमीन पर उतरेगा, या सिर्फ कागजी जीत बनकर रह जाएगा?
जिले के 500 से अधिक एनएचएम कर्मचारियों ने जॉइनिंग दे दी है, और शनिवार से स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर लौटने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे ‘बड़ा कदम’ बताया, मगर दो बार की असफल वार्ता और 24 घंटे का अल्टीमेटम देने के बाद सरकार को देर रात मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से मुलाकात के बाद ही हड़ताल खत्म करने की ‘सहमति’ बनानी पड़ी।
क्या था हड़ताल का असर?
16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के हेल्थ सेंटरों, लैबों और स्वास्थ्य कार्यक्रमों को ठप कर दिया था। मरीजों की परेशानी और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के बीच सरकार को आखिरकार झुकना पड़ा।
मानी गई मांगें: कुछ राहत, कुछ इंतजार
- सी.आर. मूल्यांकन में बर्खास्तगी से पहले अपील: अब कर्मचारियों को बर्खास्तगी से पहले अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।
- सवैतनिक मेडिकल अवकाश: जिला स्तर से स्वीकृति की सुविधा।
प्रक्रिया शुरू, लेकिन कब तक पूरा होगा?
- 5 लाख की प्राइवेट कैशलेस चिकित्सा सुविधा और 5 लाख आयुष्मान भारत के तहत लाभ। मगर सवाल यह है कि 10 लाख के बीमा की मांग 5 लाख में कैसे सिमट गई?
- ग्रेड पे निर्धारण: 3 महीने में तय करने का वादा, देखते हैं कितना समय लगता है।
- 27% वेतन वृद्धि में 5% लागू: जुलाई 2023 से लागू, बाकी 22% का क्या?
- पारदर्शी स्थानांतरण नीति: सुझाव मांगे गए हैं, पर लागू होने में कितनी देर?
- अनुकंपा नियुक्ति: प्रक्रिया शुरू, लेकिन कर्मचारियों को अब ‘जल्दी’ की उम्मीद।
केंद्र से वार्ता’
- नियमितीकरण/स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर, और 50% आरक्षण नियमित भर्ती में: इन मांगों को केंद्र सरकार से वार्ता के भरोसे टाला गया है। कर्मचारी पूछ रहे हैं, “कब तक?”
- दो पदाधिकारियों की बर्खास्तगी की बहाली का फैसला भी ‘शीघ्र’ लेने का वादा, मगर ‘शीघ्र’ का मतलब कितना समय?
कर्मचारियों की मांगें और तंज भरी अपील
एनएचएम कर्मचारियों ने 10 मांगें रखी थीं, जिनमें नियमितीकरण, पारदर्शी तबादला नीति, 10 लाख का कैशलेस बीमा, और “20 साल के शोषण का अंत” शामिल था। कर्मचारियों का कहना है, “हमने हड़ताल खत्म कर दी, अब सरकार अपनी कागजी घोषणाओं को हकीकत में बदले।”
आगे क्या?
शनिवार से स्वास्थ्य सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन कर्मचारियों की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है। क्या सरकार वादों को पूरा करेगी, या यह हड़ताल सिर्फ आधा-अधूरा समझौता साबित होगी? समय बताएगा।