केलो परियोजना से 47 उद्योग ले रहे है पानी, जलकर देने में नही है दिलचस्पी
120 करोड़ 55 लाख 90 हजार 600 सौ की राशि बकाया, जल जंगल जमीन के बाद भूजल के अवैध दोहन के बाद भी राजस्व कर देने में मनमानी
पर्यावरण पर चौतरफा नुकसान से हर वर्ग खुलकर करने लगा अब उद्योगों व विस्तार का
रायगढ़। जिले के 47 उद्योगों का करीब 120 करोड़ 55 लाख 90 हजार 600 सौ रुपए का जल कर बकाया है। ऐसे उद्योगों पर कार्रवाई करने के बजाय जल संसाधन विभाग नोटिस का खेल, खेल रहा है। भूजल दोहन और उद्योगों के अपशिष्ट से जल प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि जिलेवासी उद्योगों के विस्तार व नए उद्योगों के स्थापना का विरोध कर रहे हैं। ऐसे उद्योगों पर जल संसाधन व जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। सिर्फ विभाग द्वारा उद्योगों को नोटिस जारी कर खानापूर्ति की जा रही है। जिससे शासन को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
जिले के उद्योग प्रतिदिन लाखों लीटर भूजल व सतही जल का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन जब टैक्स चुकाने की बारी आती है तो उद्योग प्रबंधन अपने हाथ पीछे खींच लेते हैं। ऐसे उद्योगों पर जल संसाधन विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है। वहीं उद्योग प्रबंधन उद्योगों के डस्ट, फ्लाई ऐश को इन्हीं नदी-नालों में ही छोड़ रहे हैं। जिससे जल प्रदूषण भी हो रहा है। वर्तमान में जिले के 47 उद्योगों द्वारा जल लिया जा रहा है। जिन पर करीब 120 करोड़ 55 लाख 90 हजार 600 सौ रुपए का अवशेष राशि यानी बकाया है। देखा जाए तो जिले में उद्योगों की पहले से ही भरमार है। तमनार तहसील यानी लैलूंगा विधानसभा में हद से ज्यादा है। जिससे जल जंगल के साथ हवा भी प्रदूषित हो रही हैं।इससे जिलेवासियों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। उधर उद्योगों द्वारा अपने गोद ग्राम से लेकर आसपास के गांवों में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं कराया जा रहा हैं। ग्रामीणों की जमीनों को अधिग्रहण कर रोजगार तथा अन्य सपने दिखाकर उन्हें भूमिहीन कर रहे है। इन परिस्थितियों से उद्योगों के प्रति लोगों में भारी आक्रोश है। वहीं, पुराने उद्योगों को क्षमता विस्तार व नए उद्योग लगाने की अनुमति आसानी से दे दी जा रही है। जिससे जिले में बढ़ते प्रदूषण और आने वाले दिनों की भयावह स्थिति को सोच कर लोग दहशत में आ गए हैं। इन सभी के बीच केलो नदी का जल दोहन एवं भूमिगत जल लेकर जलकर की राशि भी अदायगी नही की जा रही है।इसका असर राजस्व में भी पड़ रहा है दुसरी ओर उद्योगों की कमाई बढ़ती जा रही है। ऐसे में इन पर शासन को संज्ञान लेकर सख्ती बरतनी चाहिए ताकि वे अपनी जिम्मेदारी एवं जल कर को अदा कर सके।
जिले के नामचीन उद्योग बैगेर अनुबंध के ही ले रहे है पानी
शासन से बिना एग्रीमेंट व अनुमति के जिले के करीब 23 उद्योग भूजल का उपयोग कर उसका दोहन कर रहे हैं। जल संसाधन विभाग ऐसे उद्योगों पर रोक नहीं लगा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के उद्योगों पर तीन गुना अधिक टैक्स लगाया जाता है, लेकिन इसका भी कोई औचित्य नहीं निकल रहा है। इनमें से अधिकांश उद्योग तो पानी भी ले रहे हैं और टैक्स भी नहीं पटा रहे हैं। जिससे शासन को राजस्व की हानि हो रही है। जबकि नियम यह है कि कोई भी उद्योग भूजल, सतही जल लेता है तो उसे जल संसाधन विभाग से अनुबंध कराना जरूरी है। साथ ही उसे यह भी बताना होता है कि वह हर माह कितना पानी कहां से ले रहा है।
एक नजर अनुबंधित बकायादार उद्योग पर
जिंदल स्टील पतरापाली – 1 करोड़ 17 लाख 66 हजार 7 सौ
जेएसडब्ल्यू नहरपाली 65 लाख 36 हजार 2 सौ
नलवा स्टील – 51 लाख 90 हजार
सिंघल इंटरप्राइजेज तराईमाल – 3 लाख 45 हजार
एमएसपी स्पंज मुनाआपाली – 7 लाख 87 हजार 5 सौ
सिंघल एनर्जी – 1 करोड़ 4 लाख 63 हजार 4 सौ
श्री श्याम इस्पात- 1 करोड़ 51 लाख 62 हजार 6 सौ
रायगढ़ इस्पात देलारी – 5 लाख 35 हजार 6 सौ
अग्रोहा स्टील एंड पावर गेरवानी – 4 लाख 2 हजार 6 सौ
सेलिनो स्टील तराईमाल ( एनआरव्हीएस) – 5 लाख 61 हजार 2 सौ
एन आर इस्पात- 7 लाख 85 हजार 7 सौ
रुक्मणी पावर एंड स्टील कुनकुनी – 4 लाख 68 हजार
डीबी पावर टूण्डरी – 12 करोड़ 27 लाख 38 हजार
कोरबा वेस्ट बड़े भंडार – 4 करोड़ 33 लाख 12 हजार 5 सौ
जिंदल पावर तमनार – 13 करोड़ 7 लाख 33 हजार 2 सौ
गैर अनुबंधित उद्योगों पर एक नजर
शिव शक्ति चक्रधरपुर – 74 लाख 29 हजार 5 सौ
नवदुर्गा फ्यूल्स सराईपाली – 8 करोड़ 55 लाख 8 हजार 3 सौ
तिरुमाला बालाजी पूंजीपथरा – 65 हजार 5 सौ
रायगढ़ आयरन पूंजीपथरा – 1 करोड़ 25 हजार 8 सौ
केशव अंबिका तराईमाल – 17 लाख 68 हजार
शक्ति प्लस एंड पेपर तेतला – 2 लाख 30 हजार 4 सौ
आर आर एनर्जी गढ़ उमरिया – 3 लाख 33 हजार 9 सौ
एंड पावर महापल्ली – 1 करोड़ 48 लाख 88 हजार
रुपनाधाम पावर सराईपाली – 66 लाख 10 हजार 5 सौ
मिको पावर सराईपाली – 2 लाख 85 हजार
जिंदल सीमेंट गेजामुड़ा – 4 लाख 12 हजार
महामाया रोलिंग मिल देलारी – 33 लाख 83 हजार
वीसा पावर डूमरमुड़ा – 12 हजार
इंड सिनर्जी कोटमार – 50 करोड़ 89 लाख 71 हजार
सेटर्न फेरो एलयाज – 84 हजार 6 सौ
सुनील इस्पात गेरवानी – 4 लाख 79 हजार 8 सौ
चंद्रहासिनी इस्पात गेरवानी – 21 लाख 8 हजार 6 सौ
सालासर स्टील गेरवानी – 21 करोड़ 28 लाख 99 हजार 3 सौ
सुनील स्पंज सराई पाली – 3 लाख 3 हजार 7 सौ
हेकजा स्टील कुनकुनी – 2 हजार 8 सौ
कुल योग – 85 करोड़ 58 लाख 1 हजार 7 सौ
अनुबंध और गैर अनुबंध महायोग – 120 करोड़ 55 लाख 90 हजार 6 सौ रूपये
वर्जन – – जिले के विभिन्न उद्योगों में जलकर की राशि बकाया है। इसके लिए नोटिस जारी की गई थी, बकाया राशि के सम्बंध में उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर आगे की कार्रवाई को पूर्ण किया जाएगा।
होमेश नायक, ईई जल संसाधन