Tuesday, October 14, 2025
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मालगाडिय़ों को मिल रही प्राथमिकता

मालगाडिय़ों को मिल रही प्राथमिकता, स्टेशन के आउटर में रोकी जा रहीं यात्री ट्रेनें


गोंडवाना को स्टेशन से कुछ किमी दूर 1 घंटा तक रोका, यात्री हुए परेशान


रायगढ़। रेलवे अपनी आय बढ़ाने लगातार मालगाडिय़ों के परिचालन को प्राथमिकता दे रहा है। जिसका स्पष्ट उदाहरण शुक्रवार को देखने मिला, जब बिलासपुर की ओर से आने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस को रायगढ़ रेलवे स्टेशन से महज 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर करीब एक घंटे तक रोका गया। इसी बीच करीब दो मालगाडिय़ों वहां से निकल गई। इसी बीच ट्रेन में बैठे यात्री काफी परेशान हुए।
ज्ञात हो कि बीते कोरोना काल में जब यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया था, तब से लेकर अब लगातार मालगाडिय़ों का परिचालन बढ़ा है। बीते करीब पांच सालों में तीन गुना मालगाडिय़ां चलाई जा रही हैं, जिसमें डबल इंजन लगाकर चलाया जा रहा है। इससे राजस्व में तो बढ़ोत्तरी जरूर हो रही है, किंतु यात्री ट्रेनों की चाल पर इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है। आए दिन किसी न किसी वजह से यात्री ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है या फिर परिवर्तित मार्ग से उनका परिचालन किया जा रहा है। लगातार मालगाडिय़ों का परिचालन बढऩे की वजह से एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों की गति महज 45 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक सिमट गई है। जिसकी वजह से वे गंतव्य तक अपने निर्धारित समय से हमेशा विलंब से ही पहुंच रहे हैं। आलम यह है कि शुक्रवार को निजामुद्दीन से रायगढ़ आने वाली गोंडवाना एक्सप्रेस को किरोड़ीमलनगर स्टेशन के बाद करीब एक घंटे तक रोके रखा गया। जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब एक्सप्रेस ट्रेन को रेलवे स्टेशन के आउटर में रोका गया हो, यात्री ट्रेनों को लेकर प्रतिदिन यही हाल देखने को मिलता है। मुख्य रूप से गोंडवाना और जनशताब्दी एक्सप्रेस को अक्सर आउटर में खड़ा कर दिया जाता है।


विलंब होती हैं यात्री ट्रेनें

मुख्य बात यह है कि एक ओर जहां लगातार मालगाड्यिों के परिचालन को गति दी जा रही है, जिससे रेलवे के राजस्व में इजाफा हो रहा है तो दूसरी ओर प्रतिदिन यात्री ट्रेनों के परिचालन को लेकर रेलवे का रवैया उदासीन नजर आता है। यही वजह हेै कि यात्री ट्रेनों की चाल आज तक नहंी सुधर सकी है। जबकि विभिन्न निर्माण कार्य के बाद यह दावा किया जाता है कि कार्य विशेष के बाद यात्री ट्रेनों के परिचालन को गति मिलेगी, किंतु ऐसा होता जमीनी स्तर पर नजर नहीं आता।

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