गोवर्धनपुर पुल के लिए 3 करोड़ की राशि स्वीकृति के बाद भी नही हो सका कार्य आरंभ, बारिश में बढ़ेगी मुसीबत
अमृत मिशन पाईप लाइन स्लैब डिस्मेंटल करने में बना रोड़ा निगम और पीडब्ल्यूडी दोनों जिम्मेदार उदासीन
सेतु विभाग ने केलो नदी में बनाई है अस्थाई मिट्टी का पुल, बाढ़ और बारिश से आवागमन होगा बाधित
रायगढ़।
वित्त मंत्री के पहल पर शासन ने केलो नदी में बने
गोवर्धनपुर पुल के लिए 3 करोड की राशि स्वीकृत की हैं।
जिसमे निर्माण कार्य से पहले आवागमन के मद्देनजर मिट्टी का अस्थाई पुलिया बनाया गया है। विडंबना स्वीकृति के बाद भी नगर निगम और पीडब्ल्यूडी निर्माण की उदासीनता से स्लैब डिस्मेंटल की प्रक्रिया को पूर्ण नही कर पाई है।
आलम यह है कि अस्थाई मिट्टी का पुल बरसात में नदी का जलस्तर बढ़ते ही बारिश ढहने- डूबने की स्थिति में रहेगी जिसका खामियाजा आवागमन पर पड़ेगा। दूसरी ओर शासन की दूरदर्शी सोच में जिम्मेदार विभाग के उदासीन रवैय्ये से पलीता लगा रहे है।

दरअसल जब भी कहीं पुल का निर्माण होता है तो उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाता है। क्योंकि उसमें लोगों की सुरक्षा का भी सवाल रहता है। आमतौर पर एक पुल की उम्र 50 साल होती है, लेकिन सेतु निगम द्वारा वर्ष 2010 में गोवर्धनपुर में बनाया गया पुल 14 साल में ही डिस्मेंटल लायक हो गया है। जिससे यहां हुए निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं और भारी भ्रष्टाचार होने के संकेत भी मिल रहे हैं। पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग, सेतु निर्माण मंडल रायगढ, मार्शल जियो टेस्ट लैब रायपुर व लोक निर्माण विभाग सेतु परिक्षेत्र रायपुर के विशेषज्ञों की एक टीम ने पुल के कांक्रीट स्लैब का विस्तृत परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कांक्रीट की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है, जिसके चलते पुल के स्लैब को तोड़कर नए स्लैब का निर्माण आवश्यक हो गया है। तकनीकी टीम ने अपनी रिपोर्ट में भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने और पुल का पुनर्निर्माण जल्द शुरू करने की अनुशंसा की है। जिसके बाद कलेक्टर से लेकर एसपी तक हरकत में आए और आनन फानन में की उक्त मार्ग में आवागमन नहीं करने की सूचनाएं जारी किए।
वर्तमान में सेतु निगम द्वारा पुल के दोनों छोर में कालम ढलाई कर बेरिकेटिंग कर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया। और उसके बगल में 10 फिट अनुमानित ऊंचाई वाली मिट्टी का पुल बनाया गया है। यह बारिश में बाढ़ के मंजर से पुल के बहने की आसार है। इसका सीधा आवागमन में पड़ना आने वाले दिनों में तय है। इसकी वजह केवल नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पाइप लाइन को नही हटाना है।
अवैधानिक तरीके से लगाया गया पाइप लाइन

7 जुलाई 2024 को जर्जरता की जांच से पहले स्लैब क्षतिग्रस्त होने पर एसडीएम के नेतृत्व में जांच दल जब मौका मुआयना की तो पुल के उपर अमृत मिशन पाइप लाइन को अवैधानिक बताया गया। बातों- बातों में उक्त वक्तव्य को दोहराए। वहीं, भारी भरकम पाइप तथा 24 घंटे पाइपलाइन से पानी सप्लाई को भी खतरनाक मानते हए तत्काल हटाने का निर्देश भी दिया गया। चूंकि अब तक लचर व्यवस्था से यह कार्य नही हो पाया है।
निर्माण में अमृत मिशन पाइप रोड़ा रायगढ़ ट्रेलर कल्याण संघ ने महापौर को सौंप चुके है ज्ञापन
रायगढ़ ट्रेलर कल्याण संघ द्वारा गोवर्धनपुर पुल में पीडब्ल्यूडी आवजाही रोककर नीचे से अस्थाई तौर पर केरल नदी पर मिट्टी का पुल बनाया गया है। ऐसे में पल के ऊपर अमृत मिशन पाइपलाइन बिछाया गया है जिसके चलते क्षतिग्रस्त पुल को नए सिरे से निर्माण करने के लिए तोड़ने में पीडब्ल्यूडी के सामने वैधानिक अड़चन है। इस समस्या के चलते पुल के निर्माण में देरी हो रही है। पीडब्ल्यूडी के अनुसार जब तक नगर निगम नहीं हटाता है, तब तक पुल को ध्वस्त कर नव पुल का निर्माण नहीं किया जा सकता है। वही आने वाले 3 माह बाद बारिश का मौसम आरंभ होगा जिसके चलते उक्त अस्थाई से आवागमन अड़चन उतपन्न करेगा। इन परिस्थितियों को लेकर महापौर को बीते दिन ज्ञापन भी दिए है। बावजूद कोई सुनवाई अब तक नही हो पाई है।