100 दिन में 34 छोटे बड़े आगजनी के प्रकरण, सारंगढ की नई दमकल वाहन रायगढ़ फायर स्टेशन हो रही है कंडम

48 वार्ड में 3 लाख की अनुमानित आबादी,आग लगने पर मंगाना पड़ता है उद्योग का फायर ब्रिगेड, पानी भरने की भी नही है व्यवस्था
रायगढ़। शहर में दुकान मकान में आग लगने की प्रमुख शाट सर्किट तथा स्पार्क है। यह घटनाएं साल भर अनवरत चलती है।
इसमे गर्मी के मौमस में मानो आग लगने की घटना में तड़के के रूप में पेट्रोल मिलने की तरह नजर आता है।
आलम यह है कि शहर के अंदर प्रतिवर्ष आगजनी की घटनाएं बढ़ते हुए आम बन गई। जिसमे चालू वर्ष में 100 दिन के भीतर 34 छोटे बड़े चर्चित आग लगने की इंवेंट दमकल विभाग के पास आई है।
दरअसल शहर का विकास जिस तेजी से हुआ है उस तेजी से सड़के का फैलाव नही हो पाया है।संकरे सड़क आवागमन में लंबे समय से मुसीबत बनी है। इस आवागमन परेशानियों के बीच आग लगने की घटना में बड़ी वाहन का शहर के अंदर प्रवेश करना किसी पहाड़ चढ़ने से भी कठिन है। जिसके चलते वाहन समय पर मौके में आना काफी दिक्कतों भरा रहता है, जैसे -तैसे अगर वाहन आ भी जाए तब तक आग विकराल रूप लेकर सब कुछ जलाकर राख में बदल देता है। वही शहर में 48 वार्ड में करीब 3 लाख की आबादी अनुमानित हैं। चूंकि दमकल विभाग में केवल एक ही दमकल वाहन है उसमे भी बड़ी वाहन है। जिसे शहर की सड़कों में लेकर चलना मुश्किल है। यह वाहन संख्या नाकाफी है। यही वजह है कि अमूमन बड़ी घटनाओं में उद्योगों के वाहनो का सहारा प्रशासन को लेना पड़ता है।
विडंबना यह है कि प्रशासन आगजनी के दौरान वाहनो में पानी रिफलिंग करने की स्टेशन तक नही है। इसका जीता जागता उदाहरण बिजली विभाग के गोदाम में लगने पर निजी होटल से रिफलिंग करना पड़ गया था।
इन सभी के बीच साल भर आगजनी घटनाएं हो रहीं है।
इसमें वर्ष 2025 के जनवरी से 10 अप्रैल तक 34 हादसे हुए है।इसी तरह बीते साल 110 घटना घटित हुई है। इसका दंश लोगो को यह आग जीवन भर की कमाई को आर्थिक क्षति के तौर मे दे रहा है। वही समय रहते आग से निपटने संपूर्ण व्यवस्था शहर वासियों के लिए बडे खतरे की तर्ज पर नजर आ रहा है।
फैक्ट फाइल
साल दर साल आग प्रकरण
2024-2025
110
2023-2024
134
2022-2023
155
चालू वर्ष जनवरी से 10 अप्रैल तक 34 मामले आए सामने
गर्मी में शाट सर्किट की घटनाएं अनवरत बचने के लिए सतर्कता जरूरी
गर्मियों के सीजन में खासतौर पर अप्रैल और मई के महीने में इस तरह की घटनाएं ज्यादा देखने को मिलती है। एक अनुमान के मुताबिक जिले में आगजनी की छोटी और बड़ी घटना को मिलाकर संबंधित विभाग के पास लगभग 30 से फायर कॉल्स आये थे। आग के प्रकार भी अलग-अलग होते हैं। कई आग छोटी होती है और कई आग काफी बड़ी होती है जिस पर काबू पाने में समय लगता है।
मानकों की अनदेखी और लापरवाही प्रमुख वजह
शहर में व्यवसाई तथा आमजन घर दुकान गोदाम में कई तरह की लापरवाही करते है जिससे आग लगती है। इसमें शाट सर्किट को रोकने नियमों के विपरीत कमजोर वायरिंग, गर्मी के दिन रात भर बिजली के उपकरण का चालू रहना हैं। विभाग के फायर मैंन ने बताया कि बिजली व अन्य लाइट,कैमरे के स्वीच को चालू रखना भी खतरनाक होता है। इन सभी को देखते हुए सतर्कता बरतनी चाहिए।
सारंगढ़ में नही बना फायर स्टेशन, रायगढ़ मे दमकल वाहन हो रही है खराब
रायगढ़ से अलग होकर सारंगढ बिलाईगढ़ जिला बनाया गया है। एक तरफ सारंगढ में अधोसंरचना के लिए करोड़ो रूपये की सौगात दी जा रही है। चूंकि विडंबना यह है कि जिला बनने के बाद भी यहां दमकल विभाग अस्तित्व में नही आ पाया है। यही वजह है कि शासन से मिली दो दमकल वाहन फायर स्टेशन नही होने से रायगढ़ में उक्त दोनों वाहन बैगेर चले कबाड़ में तब्दील हो रही है।
