जतन कर्मियों के वेतन और रखरखाव के लिए फिजियोथेरेपी दर हुआ दुगना, आमजनता के जेब पर आर्थिक बोझ

केंद्र से नही मिलती राशि और कोई सुविधा, डीएमएफ राशि व्यवस्था कर निशुल्क देना चाहिए जिले वासियों को लाभ
रायगढ़। किसी भी व्यवस्था को सुदृढ़ रूप से चलने के लिए आर्थिक मजबूती की बेहद आवश्यकता होती है, इसके बिना इसका संचालन संभव नही है,ऐसा ही वाक्या डीडीआरसी यानी जिला विकंलाता पुनर्वास केंद्र जतन फिजियोथेरेपी में नजर आ रहा है। आलम यह है कि इसका संचालन करने वाली संस्था रेडक्रास के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी जद्दोजहद करना पड़ता है ऐसे में ओपीडी दर को दुगना कर दिया गया।इसका सीधा असर सभी वर्ग के मरीज़ो पर आर्थिक बोझ की तरह पड़ रहा है।

जिला पंचायत के सामने जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्र जतन के नाम से वर्षो से संचालित हो रहा है। तत्कालीन दौर में इसे प्रदेश के कई जिले में संचालित की जा रही थी। जिसका संचालन समाज कल्याण विभाग की ओर से किया जाता था, लेकिन इसे चलाने के लिए जरूरी फंड जिसमें रख रखाव, यहां कार्यरत कर्मचारियों को वेतन तथा अन्य के लिए जरूरी धन राशि केंद्र सरकार की ओर से अनुपलब्धता रहती है। इससे डीडीआरसी कई जिले में दम तोड़ दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 6-7 जिले में इसका संचालन हो रहा है, उसे भी रेडक्रास कर रही हैं। रेडक्रास वह संस्था है जो अपने समाजिक सरोकार के नाम से जानी पहचानी जाती है। यही वजह है कि यह अब तक सुचारू रूप से संचालित हैं। रायगढ़ में 9 बिस्तर में संचालित जतन केंद्र वर्तमान में यहां नए दर राशि तय की गई है। जिसमें फिजियोथेरेपी का दर दुगना हो गया है। सामान्य वर्ग के लिए पहले प्रतिदिन 80 अब 150 रूपये ली जा रही है। इसी तरह गरीबी रेखा के नीचे कार्ड धारी मरीज के लिए 50 रूपये की दर निर्धारण की गई है। जबकि यह पहले महज 20 रुपये था। देखा जाए तो एक मरीज को करीब न्यूनतम 12 दिन का कोर्स करना पड़ता है, कुछ गंभीर मरीजो को यह थेरेपी करीब माह भर से अधिक एवं लकवा ग्रस्त के लिए दो से तीन माह या अधिक तक इसे करवाना बेहद जरूरी होता है। इस लिहाज से इसका नया दर मरीजो को आर्थिक रूप से उनके जेब पर बोझ डाल रहा है, जतन केंद्र में फिजियोथेरेपी का लाभ ले रहे कुछ मरीज़ो ने चर्चा में बताएं कि इस दर को अधिक बताएं है, बीमार होने पर हाथ पैर नही चलने पर या उसकी समस्या को लेकर आते है तो पैसे कहां से लाये। परंतु मरता क्या न करता कि तर्ज पर उन्हें जीवन जीने के लिए मजबूरी में फिजियोथेरेपी करवाना पड़ रहा है। कुछ मरीजो ने निःशुल्क या पूर्व की तरह दर रखें जाने का सुझाव दिए हैं।
स्वायत संस्था होने पर जरूरत पूरा करने की कवायद
शासन के अधीन संचालित रेडक्रास संस्था सेवा के लिए जनी पहचानी जाती है, इसके अधीन ब्लड बैंक, एम्बुलेंस, दवा, के अलावा अन्य कई कार्य मरीज के हित में मामूली दर पर किया जाता था,चूंकि शासन से आर्थिक सहयोग नही मिलने से मानो अब दौर बदल चुका है। जिसमें यहां न्यूनतम दर मरीजों से लिया जाता था,अब इसके लिए भारी भरकम शुल्क ले रहे है। ताकि वेतन तथा जरूरी रख रखाव हो सके।
मेडिकल कालेज में निशुल्क में होता है फिजियोथेरेपी
देखा जाए तो एक तरफ शासन स्वास्थ्य सुविधा लाभ के लिए कई तरह की योजनाओं का संचालन कर रही हैं। जिला अस्पताल तथा मेडिकल कालेज के 10 रुपये के पर्ची से निशुल्क उपचार एवं दवा उपलब्ध हो रही है। जबकि दोहरे मापदंड के चलते सरकार डीडीआरसी केंद्रो को लेकर उदासीन रवैय्ये अपनाए हुए है। जिसका सीधा असर मरीज के सेहत पर पड़ रहा है। दूसरी ओर मेडिकल कालेज अस्पताल में आधुनिक संसाधन के साथ केवल 10 रुपये के ओपीडी पर्ची में इसका लाभ मरीज ले रहे हैं।
आकांक्षी जिले में डीएमएफ फंड से या सरकार चलाये तो मिलेगा लाभ
रायगढ़ जिला खनिज संपदा से परिपूर्ण है उद्योग जगत की भरमार है जिसके चलते डीएमएफ फंड का अंश देशभर में 11वें पायदान पर रायगढ़ जिला है, जबकि छत्तीसगढ़ का कोरबा देश में दूसरे पायदान में सबसे अधिक धनराशि डीएमएफ से पाने वाला जिला है। रायगढ़ में कई विकास कार्य डीएमएफ से हो रही है, यह आकांक्षी जिले में सम्मिलित है। डीएमएफ राशि से इसका संचालन हो या सरकार विभिन्न संस्थाओं को जिस तरह संचालित कर रही है ठीक उसी तरह करे तो सीधा लाभ मरीज़ो को मिलेगा।
ऐसे समझे प्रतिदिन के दर…
कैटेगरी- वर्तमान दर- पहले-
सामान्य वर्ग मरीज -150 रूपये -50 रुपये
गरीबी रेखा से नीचे-50 रूपये -20 रूपये
मेडिकल आर्च सपोर्ट जूता 200
सोलवेज जूता- 200 रूपये
